आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिमी महाराष्ट्र के बारामती स्थित अपने गृहनगर में आमंत्रित करने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली की मेजबानी कर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
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बारामती (महाराष्ट्र) : आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिमी महाराष्ट्र के बारामती स्थित अपने गृहनगर में आमंत्रित करने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली की मेजबानी कर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
बारामती और पुणे में आज कई समारोहों की श्रृंखला में भाग ले रहे जेटली ने कल रात बारामती के पास पवार के गोविंद बाग आवास में बिताई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जेटली ने पवार के साथ गोविंद बाग में रात्रिभोज किया।
जेटली आज बारामती में कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड अलाइड साइंस की नई इमारत का उद्घाटन करेंगे और विद्या प्रतिष्ठान इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम बदलकर कमलनयन बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेकनोलॉजी रखे जाने के लिए आयोजित समारोह में भाग लेंगे।
पवार द्वारा जेटली की मेजबानी किए जाने को भाजपा और सरकार में उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच संबंधों में आती कड़वाहट के संदर्भ में और पवार की पार्टी द्वारा पिछले वर्ष भाजपा को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने के प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। भाजपा विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बारामती में मोदी ने फरवरी में पवार के साथ मंच साझा किया था।
इसके बाद भाजपा और राकांपा के बीच अपने मतभेदों को दूर करने पर काम करने और पिछले वर्ष कड़वाहट पैदा करने वाली चुनाव प्रचार मुहिम के बाद दोनों दलों के साथ आने की संभावनाओं की अटकलें लगने लगी थीं। पिछले वर्ष चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
मोदी ने पिछले वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पवार पर हमला बोलते हुए राकांपा को नैचुरली करप्ट पार्टी करार दिया था लेकिन फरवरी के दौरे में मोदी के सुर बदले दिखे थे। प्रधानमंत्री ने पवार को एक अनुभवी नेता बताते हुए कहा था, मैंने शरद पवार से एक महीने में दो से अधिक बार बात की। उन्होंने हमेशा किसानों के दु:ख के बारे में सोचा है। मोदी ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा था, यह मीडिया के लिए अच्छा दिन है। वे पुराने टेप निकालेंगे कि मोदी ने पहले क्या कहा था और पवार ने पहले क्या कहा था। हमारी विचारधाराएं भिन्न हैं लेकिन हमारी प्राथमिकता राष्ट्रीय हित है।