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नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग देह व्यापार को कानूनी बनाने की सिफारिश कर सकता है क्योंकि इसकी प्रमुख ललिता कुमारमंगलम देश में सेक्स वर्करों की बेहतर जीवन स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए इसकी पैरवी कर रही हैं।
महिला आयोग इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एक पैनल के समक्ष आठ नवंबर को अपनी सिफारिशें देगा।
ललिता कुमारमंगलम ने कहा, ‘देह व्यापार को कानूनी बनाने से सेक्स वर्करों को बेहतर जीवन स्थितियां मुहैया कराने में मदद मिलेगी। लेकिन व्यापार में क्या कानूनी एवं क्या गैर कानूनी है, इसे परिभाषित करने के लिए विभिन्न कारकों पर विचार करना होगा।’ उच्चतम न्यायालय ने 24 अगस्त 2011 में एक पैनल गठित किया था। यह पैनल सेक्स वर्करों के पुनर्वास के लिए 2010 में एक जनहित याचिका दायर किये जाने के बाद गठित किया गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख ने इस मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा, ‘हम देह व्यापार को कानूनी बनाने के मुद्दे, देह व्यापार (निरोधक) कानून में संभावित संशोधन एवं सेक्स वर्करों की जीवन स्थिति में बेहतरी सुनिश्चित करने के बारे में कुछ कुछ सिफारिशें करेंगे।’ उच्चतम न्यायालय ने आयोग को पैनल की बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया था।