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नई दिल्ली: राजग सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर विपक्ष ने शुक्रवार (26 मई) को सरकार पर तीखा हमला बोला जहां सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश ‘कलह की कगार पर’ है और उसका भविष्य अंधकारमय लगता है, वहीं अन्य दलों ने कमजोर वर्गों पर ज्यादती होने के आरोप लगाये.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिये गये दोपहर भोज में शामिल हुए शीर्ष विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर करने का प्रयास किया और कहा कि असहिष्णुता की घटनाएं सामने आईं. विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार की नीतियां समाज के सभी वर्गों पर खासकर गरीबों, कामकाजी वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर बेहिसाब बोझ डाल रही हैं और इन नीतियों से एकजुट होकर लड़ा जाएगा.
विपक्ष की ओर से जारी संयुक्त बयान के अनुसार पार्टियों ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर भी चिंता प्रकट की. कांग्रेस ने आशंका जताई कि आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर देश का भविष्य अंधकारमय लगता है. पार्टी ने सरकार की रोजगार नीति पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राजग सरकार काम नहीं कर सकी इसलिए उसने लोगों को विभाजित करने और उनका ध्यान बांटने का प्रयास किया. राहुल ने कहा कि जनता के सामने आ रहीं समस्याओं का समाधान गुस्सा और नफरत नहीं हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि सभी दलों ने कश्मीर और सहारनपुर की घटनाओं से निपटने के सरकार के तरीके की निंदा की. उन्होंने नोटबंदी की भी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं समेत अनेक वर्गों पर हमले हो रहे हैं. जदयू नेता शरद यादव और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम रही है.
लालू ने कहा, ‘मोदी केवल एक मोर्चे पर सफल रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहरा रहा है.’ भाकपा के डी राजा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जनता से किया कोई वादा पूरा नहीं किया है. उनके पास नाकामियों के अलावा खुशी मनाने के लिए क्या है.