उपराष्ट्रपति चुनावः पीएम मोदी की मौजूदगी में वेंकैया नायडू ने भरा पर्चा, कहा- अब किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं
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उपराष्ट्रपति चुनावः पीएम मोदी की मौजूदगी में वेंकैया नायडू ने भरा पर्चा, कहा- अब किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं

एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने भरा नामांकन (फोटो एनएनआई-RSTV)

नई दिल्लीः राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने मंगलवार (18 जुलाई) को नामांकन पत्र दाखिल किया और विभिन्न राजनीतिक विचारधारा वाले दलों का समर्थन हासिल करने के लक्ष्य के साथ उन्होंने कहा कि अब वह भाजपा सदस्य नहीं हैं और इस पद पर चुने जाने पर राजनीतिक संस्थाओं को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पांच अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. इस मौके पर राजग के सहयोगी दलों के नेताओं समेत गैर-राजग दलों अन्नाद्रमुक और टीआरस सदस्य भी उपस्थित रहे. आज (मंगलवार, 18 जुलाई) नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था.

इसके बाद ‘बिदाई’ संवाददाता सम्मेलन में नायडू ने नयी जिम्मेदारी को लेकर बहुत अधिक उत्सुक नहीं होने से जुड़ी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा कि राजग उम्मीदवार के रूप में नामित किया जाना ‘सम्मान’ की बात है और चुने जाने पर वह पद की गरिमा को बरकरार रखेंगे.

उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2019 के आम चुनाव में मोदी को फिर से जीतते हुए देखना चाहते थे और उसके बाद उनकी समाज सेवा करने की तमन्ना थी, लेकिन ‘किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.’ उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाये जाने के बाद केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले नायडू ने कहा कि वह मोदी के ‘शानदार नेतृत्व’ को मजबूती देना चाहते थे लेकिन इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह मंत्री बने रहना चाहते थे.

नायडू ने कहा कि पार्टी संगठन छोड़ना ‘बहुत दुखद’ है, जिसे वह मां मानते आए हैं. बहुत कम आयु में अपनी मां को खोने वाले नायडू का पालन-पोषण पार्टी ने किया. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच और पार्टी के भीतर काम करने में उनको बहुत मजा आया.

नायडू ने कहा, ‘उपराष्ट्रपति का पद बहुत अलग है. इसमें काम करने के अलग नियम हैं...मुझे आशा है कि मैं इस पद के साथ न्याय करूंगा.’ उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, एम हिदायतुल्ला, आर वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा और भैरों सिंह शेखावत जैसे प्रतिष्ठित लोग इस पद पर रह चुके हैं और वह उनके द्वारा तय मानकों को बरकरार रखेंगे.

नायडू ने कहा कि उन्होंने खुद को पार्टी से अलग कर लिया है. उन्होंने कहा, ‘अब मैं पार्टी से परे हूं. मैं किसी पार्टी से नहीं जुड़ा हूं.’ इससे पहले उन्होंने दिग्गज पार्टी नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से बात की और उनका आशीर्वाद लिया.

वेंकैया नायडू ने अपना पर्चा दाखिल करने के लिए संसद में पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, डॉ हर्षवर्धन, एनडीए के सहयोगी, एलजेपी के नेता रामविलास पासवान, शिवसेना के संजय राउत, आरपीआई रामदास अठावले भी आगे दिखे. इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी कहीं पीछे चल रहे थे. इसके बाद पीएम मोदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर उन्हें सबसे आगे बुलाया. इसके बाद आडवाणी ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया. 

एनडीए के सभी साथियों का मिला समर्थन'

इस फैसले की जानकारी देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनके नाम का एनडीए के सभी साथियों ने समर्थन किया है. बीजेपी संसदीय बोर्ड ने भी एक मत से उनके नाम पर मुहर लगाई है. शाह ने बताया कि वेंकैया नायडू मंगलवार सुबह 11 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे. 

जानें कौन हैं एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू!

'1970 से सार्वजनिक जीवन में हैं वेंकैया नायडू' 

नायडू के बारे में परिचय देते हुए शाह ने कहा, 'वेंकैया नायडू 1970 से सार्वजनिक जीवन में रहे हैं. जेपी आंदोलन के दौरान वह दक्षिण भारत में एक महत्वपूर्ण नेता के तौर पर उभरे. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे. वेंकैया जी अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.'

बीजेपी की नजर दक्षिण पर?

इस फैसले को दक्षिण में बीजेपी की पैठ बनाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. पूरे देश में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में लगी बीजेपी की नजर दक्षिण भारत पर है. उप राष्ट्रपति का चुनाव पार्टी के लिए एक मौका है . इससे पहले राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी ने उत्तर भारत से रामनाथ कोविंद के नाम को आगे किया था. 

उप राष्ट्रपति चुनाव : भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू चुने गए NDA के उम्मीदवार

बीजेपी को जीत का भरोसा

इस पद के लिये नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 18 जुलाई है. उप राष्ट्रपति पद के लिये निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन को निर्वाचक कालेज में जबर्दस्त बहुमत हासिल है. भाजपा सूत्रों ने विश्वास व्यक्त किया है कि 790 सदस्यों में से उसके उम्मीदवार को 500 से अधिक वोट हासिल होंगे.

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