सरकारी सूत्रों ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री गलियारों में भारत अपनी अहम उपस्थिति सतत बनाए हुए है.
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नई दिल्ली: मालदीव में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू होने के बाद इस देश के जल क्षेत्र के आसपास कोई चीनी युद्धपोत तैनात नहीं किया गया है. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए मंगलवार को बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री गलियारों में भारत अपनी अहम उपस्थिति सतत बनाए हुए है. उन्होंने हालांकि बताया कि एक चीनी विध्वंसक एवं एक फ्रिगेट ने सुन्दा जलडमरूमध्य होते हुए पूर्वी हिंद महासागर में प्रवेश किया और लोमबोक जलडमरूमध्य होते हुए हिंद महासागर से निकल कर कुछ ही दिन पहले दक्षिण चीन सागर की ओर बढ़ा.
चीनी मीडिया का दावा गलत
सूत्रों ने मीडिया की उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें चीनी वेबसाइट sina.com.cn के हवाले से बताया गया कि 11 चीनी युद्धपोतों ने मालदीव में संवैधानिक संकट के बीच पूर्वी हिंद महासागर में प्रवेश किया. उन्होंने बताया कि भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण नौसैनिक उपस्थिति है. उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना ने इंडोनेशिया के पूर्व में, मलक्का जलडमरूमध्य में, ओमान की खाड़ी में और अदेन की खाड़ी में एक एक युद्धपोत तैनात किए हैं.
मालदीव में 30 दिन के लिए आपातकाल बढ़ाया गया
मालदीव की संसद ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की सिफारिशों को मंजूर करते हुए मंगलवार को देश में आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ा दी. मालदीव की इंडिपेन्डेन्ट समाचार वेबसाइट की खबर में बताया गया है कि मतदान के लिए केवल 38 सांसद उपस्थित थे. आपातकाल की अवधि समाप्त होने से पहले ही मतदान हुआ. संविधान के मुताबिक, मतदान के लिए 43 सांसदों की जरूरत होने के बावजूद केवल 38 सांसदों ने मतदान कर दिया. वेबसाइट के अनुसार, सभी 38 सांसद सत्ताधारी दल के थे और उन्होंने आपातकाल की अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी. विपक्ष ने मतदान का बहिष्कार किया. अब देश में आपातकाल 22 मार्च को समाप्त होगा.
(इनपुट - भाषा)