भूमि विधेयक पर पीछे हटने का सवाल नहीं : गडकरी
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भूमि विधेयक पर पीछे हटने का सवाल नहीं : गडकरी

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भूमि विधेयक पर पीछे हटने से इंकार किया लेकिन साथ ही कहा कि सरकार किसानों के हित में और संशोधनों को शामिल करने पर विचार करने को तैयार है।

भूमि विधेयक पर पीछे हटने का सवाल नहीं : गडकरी

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भूमि विधेयक पर पीछे हटने से इंकार किया लेकिन साथ ही कहा कि सरकार किसानों के हित में और संशोधनों को शामिल करने पर विचार करने को तैयार है।

गडकरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने के अपने एजेंडा के तहत राजनीतिक कारणों से इस विधोयक का विरोध कर रही है। गडकरी उन भाजपा नेताओं में शामिल हैं जिनको इस विधेयक पर अन्य दलों का समर्थन हासिल करने के लिये बातचीत करने की अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

सड़क परिवहन मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘भूमि विधेयक पर पीछे हटने का सवाल नहीं है ...जो कुछ भी राष्ट्र के हित में है उसे पूरी ताकत से किया जायेगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी दलों से राज्यसभा में उनका समर्थन हासिल करने के लिए बातचीत कर रही है। उन्होंने साथ ही विधेयक का समर्थन करने के बीजू जनता दल के निर्णय का उल्लेख किया। गौरतलब है कि उच्च सदन में राजग सरकार के पास बहुमत का अभाव है।

गडकरी से पूछा गया था कि सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए राज्य सभा में बहुमत कैसे जुटायेगी। एक अन्य सवाल पर कि क्या सरकार विपक्ष की राय को समाहित करने के लिए और संशोधन लाने को तैयार है, उन्होंने कहा कि नौ संशोधनों तो इनमें पहले लाये जा चुके हैं तथा सरकार और ‘अच्छे’सुझावों पर विचार को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘अगर संशोधन अच्छे हैं तो प्रधानमंत्री (मोदी), हमारी सरकार (स्वीकार) करेगी।’ गडकरी ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि विपक्षी दलों का रूख चाहे जो कुछ भी हो, सरकार संसद में इस विधेयक के साथ आगे बढने को प्रतिबद्ध है। गडकरी ने कहा, ‘बीजद भूमि विधेयक पर हमारे समर्थन में आयी हैं। हम पर अहंकारी होने का आरोप लगाया जाता रहा है ..अब हम हर किसी के पास हाथ जोड़कर जा रहे हैं .. अगर वे साथ आते हैं, तो बहुत अच्छा, अगर विरोध करते हैं, तो हम आगे बढ़ते रहेंगे।’

भूमि विधेयक को लेकर शिवसेना और स्वाभिमानी पक्ष जैसे राजग के सहयोगी दलों द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने एक हिंदी मुहावरे का इस्तेमाल किया, ‘कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना’।

विपक्षी दलों के दबाव के समक्ष झुकते हुए सरकार ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर गौर करने के लिए इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेज दिया है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की 30 सदस्यीय इस संयुक्त समिति को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। सरकार भूमि अधिग्रहण के संबंध में अब तक दो बार अध्यादेश जारी कर चुकी है।

गडकरी ने भूमि विधेयक को लेकर कांग्रेस के विरोध की तुलना भाजपा के खिलाफ अल्पसंख्यकों के बीच भय पैदा करने के उसके अभियान से की और कहा कि वह राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रही है, जबकि जमीनी स्थिति बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा, ‘संप्रग के कार्यकाल के दौरान वृद्धि दर 4 दशमलव 25 फीसदी पर चली गयी थी और देश तबाह हो गया था। कांग्रेस जैसे दलों का मानना है कि अगर देश तरक्की और विकास की ओर बढा तो उनका क्या होगा । उन्हें लगता है कि लोग उनसे पूछेंगे कि उन्होंने क्या किया था।’  

 

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