आग के बिना धुआं नहीं: सीबीआई के पूर्व प्रमुखों ने सिन्हा पर की टिप्पणी
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आग के बिना धुआं नहीं: सीबीआई के पूर्व प्रमुखों ने सिन्हा पर की टिप्पणी

उच्चतम न्यायालय द्वारा सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को 2.जी घोटाले से जुड़े मामले से हटाए जाने को एजेंसी के पूर्व प्रमुखों ने ‘दु:स्वप्न’ करार दिया जिसे वे भूलना चाहेंगे।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को 2.जी घोटाले से जुड़े मामले से हटाए जाने को एजेंसी के पूर्व प्रमुखों ने ‘दु:स्वप्न’ करार दिया जिसे वे भूलना चाहेंगे।

उच्चतम न्यायालय द्वारा सिन्हा को मामले से हटाए जाने और उनके खिलाफ काफी तीखी टिप्पणी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सीबीआई निदेशक आर के राघवन ने कहा कि यह पहला मौका है जब शीर्ष अदालत ने एजेंसी के प्रमुख को किसी मामले की जांच से अलग होने को कहा है।

उन्होंने कहा कि एक परेशान करने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं इसे खराब सपने की तरह भूल जाना चाहता हूं। लेकिन यह याद रखा जाना चाहिए कि यह अभ्‍यारोपण एक अधिकारी का है न कि संगठन का। राघवन 1999-2001 में एजेंसी के प्रमुख थे। सीबीआई के एक अन्य पूर्व प्रमुख जोगिन्दर सिंह ने भी इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक का आचरण न सिर्फ स्वच्छ होना चाहिए बल्कि स्वच्छ प्रतीत भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब शीर्ष अदालत ने सीबीआई के किसी निदेशक के खिलाफ ऐसी तीखी टिप्पणी की है।

सिंह ने कहा कि हर कार्य का नतीजा होता है। बिना आग के धुआं नहीं होता। उच्चतम न्यायालय ने जो कहा है, वह पूरी तरह से सही है कि उनके खिलाफ विश्वसनीयता के कई आरोप हैं। उच्चतम न्यायालय हल्के में आदेश नहीं जारी करता।

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