बिहार चुनाव : गैर भाजपा-गैर कांग्रेस नेताओं ने की गुफ्तगू
Advertisement

बिहार चुनाव : गैर भाजपा-गैर कांग्रेस नेताओं ने की गुफ्तगू

सपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सहित गैर कांग्रेसी और गैर राजग क्षेत्रीय पार्टियों ने इस साल के आखिर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने तथा एक साझा राजनीतिक रणनीति बनाने के लिए एक बैठक की।

बिहार चुनाव : गैर भाजपा-गैर कांग्रेस नेताओं ने की गुफ्तगू

नई दिल्ली : सपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सहित गैर कांग्रेसी और गैर राजग क्षेत्रीय पार्टियों ने इस साल के आखिर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने तथा एक साझा राजनीतिक रणनीति बनाने के लिए एक बैठक की।

क्षेत्रीय क्षत्रपों की यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बैठक से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को अलग रखा गया जिससे कुछ हद तक वैकल्पिक राजनीतिक व्यवस्था पर काम की कोशिश का संकेत मिलता है। हालांकि बैठक में शामिल क्षेत्रीय क्षत्रपों में से ज्यादातर का लोकसभा में या उनके अपने राज्य में विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा और उन्हें भाजपा के हाथों पराजय मिली थी।

राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस बात को तवज्जो नहीं दी कि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई दलों की यह बैठक राष्ट्रीय राजनीति में किसी मोर्चे के उदय का संकेत है। शरद पवार के आवास पर एक घंटे से अधिक समय तक चली यह बैठक राकांपा प्रमुख ने बुलाई थी। पवार का आवास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से कुछ ही दूर पर है। राकांपा और कांग्रेस के संबंध फिलहाल बहुत अच्छे नहीं हैं, खास कर महाराष्ट्र में।

पवार के अलावा बैठक में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, नेकां के फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हुए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होंने ममता बनर्जी के माध्यम से इन नेताओं को अगले माह बुलाई गई उस बैठक में शामिल होने का आग्रह किया जिसमें सहयोगात्मक संघवाद पर चर्चा होगी।

बैठक में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘आज की बैठक का सबसे बड़ा महत्व यह है कि हम जो पहले बिखरे हुए थे, अब महिलाओं, युवाओं, किसानों तथा अल्पसंख्यकों के लिए काम करने की खातिर एकजुट हैं।’ उन्होंने विश्वास जताया कि जनता दल गठबंधन बिहार विधानसभा चुनावों में निश्चित रूप से अपनी जीत दर्ज कराएगा। कांग्रेस को बैठक में आमंत्रित किया गया था? इस सवाल पर राकांपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बैठक छोटे क्षेत्रीय दलों की थी।

उनसे पूछा गया कि क्या यह पहले संघीय मोर्चे की शुरूआत है? इस पर पटेल ने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता। कृपया इस बैठक का इसके अलावा दूसरा कोई मतलब नहीं निकालिये कि ममता बनर्जी ने कल पवार से मुलाकात की और कहा ‘आप वरिष्ठ नेता हैं, आप लोगों को क्यों नहीं बुलाते, यह बेहतर रहेगा।’ यही एक कारण है और कोई दूसरा एजेंडा नहीं है जैसा कि मुलायम सिंह यादव ने कहा।’ क्या 22 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में कांग्रेस को बुलाये जाने की संभावना है। इस पर पटेल ने कहा, ‘यह एक औपचारिक ढांचागत बैठक नहीं है। कृपया कोई और मतलब मत निकालिये।’ 

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अगली बैठक शरद यादव ने 22 सितंबर को बुलाई है। जाहिर है कि इसका संबंध बिहार चुनावों से होगा। उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक संदेश यह है कि समान विचारधारा वाले सभी दलों को एक साथ मिल कर काम करना चाहिए ताकि देश के मुद्दों के लिए कोई संरचनात्मक उपाय वाला रास्ता निकल सके।’ मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोगों में सरकार के प्रति विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि नेताओं ने बाढ़, सूखा और इस बारे में केंद्र के उपेक्षापूर्ण रवैये पर चर्चा की।

उन्होंने बताया, ‘पवार ने देश के हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई। हमने महिलाओं, किसानों, युवाओं के मुद्दों पर चर्चा की जिनकी स्थिति अच्छी नहीं है। शिक्षित युवाओं के सामने बेरोजगारी की समस्या है।’ यादव ने कहा, ‘हमने देश के विकास और उससे जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा की। हम देश के संघीय ढांचे को याथावत बनाए रखने के लिए हर प्रयास करेंगे जबकि इसे कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’

Trending news