धर्म परिवर्तन नहीं, लोगों का दिल जीतने निकले हैं: अशोक सिंघल
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धर्म परिवर्तन नहीं, लोगों का दिल जीतने निकले हैं: अशोक सिंघल

विश्व हिंदु परिषद के नेता अशोक सिंघल ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, धर्म परिवर्तन नहीं, लोगों का दिल जीतने निकले हैं। हिंदू विश्व शांति का पक्षधर है। लोगों का धर्म बदलना हमारा मकसद नहीं, घर वापसी का मतलब होता है पूर्वजों को जानना।

धर्म परिवर्तन नहीं, लोगों का दिल जीतने निकले हैं: अशोक सिंघल

नई दिल्ली: विश्व हिंदु परिषद के नेता अशोक सिंघल ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, धर्म परिवर्तन नहीं, लोगों का दिल जीतने निकले हैं। हिंदू विश्व शांति का पक्षधर है। लोगों का धर्म बदलना हमारा मकसद नहीं, घर वापसी का मतलब होता है पूर्वजों को जानना। हिदुत्व की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं। विश्व युद्द के खिलाड़ी हम नहीं है।

देश में हिंदू मूल्यों को पुन:स्थापित पर जोर देते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा कि वह विश्व का धर्मांतरण नहीं चाहते बल्कि केवल उसका हृदय विजय करना चाहते हैं। विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल ने यहां एक पुस्तक का लोकार्पण करने के अवसर पर कहा कि यह उनके 50 वर्ष के संघर्ष का परिणाम है कि हिन्दुओं ने 800 वर्ष से खोया साम्राज्य वापस पाया है।

उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति और धर्म को कुचला गया और हमें संघर्ष करना पड़ा। 800 वर्ष बाद, अब यह दिन आया कि हम कह सकते हैं कि हमारी एक ऐसी सरकार है जो हिन्दुत्व की रक्षा के प्रति कटिबद्ध है। देश में शनै: शनै: हमारे मूल्य स्थापित होंगे। सिंघल ने कहा, हम एक अजेय हिन्दू समाज चाहते हैं जो इन मूल्यों के अनुसार विश्व कल्याण के लिए काम करे..हम कभी विश्व के धर्मांतरण के लिए बाहर नहीं गए बल्कि उनका हृदय विजय करने के लिए गए। केंद्र में भाजपा सरकार की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में 12वीं शताब्दी में राजपूत राजाओं और पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद हिन्दू एक बार फिर सत्ता में आए हैं। उन्होंने दावा किया कि विश्व पर कब्जा करने के कई शक्तियों के प्रयासों के चलते दुनिया विश्व युद्ध के समीप आई।

उनके अनुसार, आप इसे ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम एशिया में देख सकते हैं। हम इस्लामी आतंकवाद का खतरा यूरोप में देख रहे हैं। यह युद्ध समाप्त किया जा सकता है लेकिन विभिन्न शक्तियां जिस तरह से अपना प्रभुत्व स्थापित करने की होड़ में लगी हैं, इससे लगता है कि विश्व युद्ध सुनिश्चित है। विहिप नेता ने हालांकि कहा कि हिंदू ऐसे किसी युद्ध में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने हमेशा ही प्रेम से विश्व को जीतने का प्रयास किया है और वे आध्यात्मिक विजय में विश्वास रखते हैं, भौतिक विजय में नहीं।

 इससे पहले 17 दिसंबर को वाराणसी में विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) के नेता अशोक सिंघल ने दावा किया था कि पुन:धर्मांतरण सतत प्रक्रिया है जो प्रेम-भाव फैलाकर और लोगों की मर्जी से जारी रहेगी। सिंघल ने केंद्र सरकार से कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की मांग की थी ताकि हिन्दूओं को अपने ही देश में अल्पसंख्यक बनने से रोका जा सके। उन्होंने मुसलमानों और ईसाईयों पर आरोप लगाया था कि वे हिन्दूओं को अपने धर्म की ओर आकर्षित कर रहे हैं और धर्मांतरण के लिए उन्हें विदेशों से बड़ी राशि मिल रही है। सिंघल ने हिन्दूओं की भांति मुसलमानों और ईसाईयों के लिए समान आचार संहिता लाने की वकालत भी की और कहा कि मुसलमान परिवार नियोजन अपनाने से इनकार कर रहे हैं जो देश और हिन्दू धर्म दोनों के लिए खतरा है।

 

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