सिद्धरमैया के दो सीटों से चुनाव लड़ने में गलत क्या है, पीएम मोदी भी तो लड़े थे : खड़गे
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सिद्धरमैया के दो सीटों से चुनाव लड़ने में गलत क्या है, पीएम मोदी भी तो लड़े थे : खड़गे

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-पीएम मोदी भी तो दो सीट से लड़ेे थे तब किसी ने नहीं उठाया सवाल 

सिद्धारमैया को चामुंडेश्‍वरी में दो बार के विधानसभा चुनाव में शिकस्‍त झेलनी पड़ी थी..

बेंगलुरु: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया के दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन किया है. उन्‍होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो सीट (वाराणसी और वडोदरा) पर लोकसभा चुनाव लड़ा था तो सिद्धारमैया के ऐसा करने से क्‍यों फर्क पड़ने लगा. यह हाईकमान का फैसला है, जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार किया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि चामुंडेश्‍वरी से सिद्धारमैया के चुनाव जीतने पर संदेह है, खड़गे ने कहा कि यह भाजपा का प्रपोगंडा है. सीएम उत्‍तरी कर्नाटक की बदामी सीट पर मंगलवार का पर्चा भरेंगे. बदामी के लोग चाहते हैं कि सीएम वहां से भी चुनाव लड़ें. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने उन्‍हें यह निर्देश दिया है. सिद्धारमैया ने अभी चामुंडेश्‍वरी से पर्चा भरा है.

  1. सीएम सिद्दारमैया दो सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
  2. कर्नाटक की चामुंडेश्‍वरी सीट से पर्चा भरा
  3. बदामी सीट के लिए 24 को करेंगे नामांकन

बदामी से जीतने की संभावना ज्‍यादा

सिद्धारमैया को चामुंडेश्‍वरी में दो बार के विधानसभा चुनाव में शिकस्‍त झेलनी पड़ी थी. वह पांच बार वहां से चुनाव जीते हैं लेकिन अंतिम बार जीत का अंतर मात्र 256 वोट का ही था. खड़गे ने कहा कि सिद्धारमैया डरकर दो जगह से चुनाव नहीं लड़ रहे. भाजपा झूठा प्रचार कर रही है. परिस्थितियां ऐसी हैं कि उन्‍हें ऐसा करने को कहा गया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बदामी में कुरुबा समुदाय की तादाद ज्‍यादा है. सिद्धारमैया भी इसी समुदाय से आते हैं. इसलिए इस सीट से उनका चुनाव लड़ना सुरक्षित माना जा रहा है. वह 2008 से मैसुर के वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से जनता का प्रतिनिधित्‍व करते आए हैं. लेकिन अबकी बार वहां से उनके बेटे यतींद्र को पार्टी ने टिकट दिया है.

 

 

दो सीट पर चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में है लंबित
प्रत्‍याशियों के दो सीटों पर एकसाथ चुनाव लड़ने से संबंधित एक मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस पर अप्रैल की शुरुआत में सुनवाई हुई थी जिसमें चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखा था. उसने हलफनामा देकर अदालत में कहा था कि सीट खाली करने वाले उम्मीदवार से दोबारा चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र का जवाब न आने पर मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए टाल दी है. याचिका अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. उन्‍होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत धारा 33(7) को चुनौती दी है. उन्होंने मांग की है कि एक उम्मीदवार के दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता की इस मांग का समर्थन करते हुए नियमों में बदलाव की मांग की है.

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