एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृहद भूमिका चाहते हैं ओबामा
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एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृहद भूमिका चाहते हैं ओबामा

दक्षिण चीन सागर में चीन के बढते प्रभाव की पृष्ठभूमि में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि एशिया प्रशांत सागर में नौवहन की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए और साथ ही इस क्षेत्र में भारत की वृहद भूमिका का स्वागत किया।

एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृहद भूमिका चाहते हैं ओबामा

नई दिल्ली : दक्षिण चीन सागर में चीन के बढते प्रभाव की पृष्ठभूमि में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि एशिया प्रशांत सागर में नौवहन की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए और साथ ही इस क्षेत्र में भारत की वृहद भूमिका का स्वागत किया।

सिरीफोर्ट आडिटोरियम में ‘टाउनहॉल’ संबोधन में ओबामा ने कहा कि अमेरिका एशिया प्रशांत में भारत की वृहद भूमिका का स्वागत करता है जहां नौवहन की स्वतंत्रता आवश्यक रूप से बनाये रखना है और वहां विवादों का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जाए। ओबामा ने कहा कि अगर दोनों देश ‘सच्चे वैश्विक पार्टनर’ बनना चाहते हैं तो उन्हें वैश्विक स्तर पर और बहुत कुछ करना होगा। उन्होंने कहा कि इसलिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए 20वीं सदी में सृजित बहु स्तरीय संस्थानों का उन्नयन 21वीं सदी के लिए किया जाना चाहिए। अत: मैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करता हूं जिसमें भारत एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो। अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के समापन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और करीबी पार्टनर बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद के दंश को देखा है। ओबामा ने कहा कि हम अपनी जनता की रक्षा के लिए एकजुट खडे हैं। अब हम नयी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपने रक्षा सहयोग को और गहरा बना रहे हैं। परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व का आह्वान करते हुए ओबामा ने कहा कि विश्व जैसा है, उसे हम स्वीकार करते हैं, लेकिन विश्व कैसा होना चाहिए, उसके लिए किये जा रहे कार्य को हमें कभी बंद नहीं करना चाहिए। यानी परमाणु हथियार से मुक्त विश्व। यह हम सब का लक्ष्य होना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ताकत के साथ जिम्मेदारी भी आती है और इस क्षेत्र में भारत एक सकारात्मक भूमिका निभा सकता है और अन्य देशों के बेहतर भविष्य बनाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि बर्मा से लेकर श्रीलंका तक लोकतंत्र की एक नई उम्मीद बनी है। चुनाव में आप अपने अनुभवों से इस मामले में दूसरे देशों की मदद कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान एवं मेडिसिन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से भारत बीमारियों से लड़ने तथा रोक सकने योग्य बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए टीकों को विकासित करने में विश्व में बड़ा योगदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि मानव तस्‍करी के खिलाफ हम एक होकर आधुनिक युग में दासता के अभिशाप को समाप्‍त कर सकते हैं। ओबामा ने कहा कि वैश्विक पार्टनर होने का मतलब है जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करना।

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