शोपियां जिले में एक मुठभेड़ स्थल के पास कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रदर्शनकारियों में हुए संघर्ष में पांच कश्मीरी नागरिकों की मौत हो गई.
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श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उबर अब्दुल्ला ने सोमवार (7 मई) को प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर उनके टवीट्स को लेकर निशाना साधा और कहा कि किसी भी स्थिति पर आपके (महबूबा मुफ्ती के) भाई असादुक मुफ्ती के विचार आपसे कहीं ज्यादा ईमानदार थे. शोपियां मुठभेड़ के बाद सीएम मुफ्ती ने जनता से एकजुट होने को कहा था और जाहिर किया था कि 'जिस परेशानी से हम गुजर रहे हैं उसका हल हिंसा से नहीं है.'पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने उनके (महबूबा के) ट्वीट को उद्धृत करते हुए लिखा, 'आपके ट्वीट महज खोखली बातें हैं. कम आपके भाई किसी भी तरह से आपसे ज्यादा ईमानदार हैं. यह बहुमूल्य कश्मीरियों का खून है जिसे आपके मुख्यमंत्री बने रहने और भाजपा-पीडीपी को अपराध में साथी बनाए रखने के लिए अदा किया जा रहा है.'
Your tweet has a hollow ring to it. At least your brother was more honest than you. This blood is the price Kashmiris are paying for you to remain CM & for PDP & BJP to remain “partners in crime”. https://t.co/KTy5uclfPG
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 7, 2018
पुलिस के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने शोपियां जिले में एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के पांच आतंकवादियों को रविवार (6 मई) को ढेर कर दिया. मारे गए आतंकवादियों में एक शीर्ष आतंकी कमांडर और संगठन में नया - नया भर्ती हुआ विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर भी शामिल है. वहीं, मुठभेड़ स्थल के पास कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रदर्शनकारियों में हुए संघर्ष में पांच कश्मीरी नागरिकों की मौत हो गई.
One question though, as the state Home Minister & head of the Unified Command you have admitted these boys are “innocent civilians” so who will be charged & hanged for their cold blooded murder? Or should I be asking @HMOIndia this question? https://t.co/KTy5uclfPG
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 7, 2018
महबूबा ने नागरिकों की मौत पर दुख जताया, कहा-बंदूकें मुद्दे को हल नहीं कर सकतीं
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोपियां में एक मुठभेड़ स्थल के नजदीक बीते 5 मई को पांच नागरिकों के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि बंदूक चाहे आतंकवादी की हो या सुरक्षाबलों की, वे मुद्दे को हल नहीं कर सकती हैं. महबूबा ने कहा कि राजनीतिक मामलों को राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे सभी पक्षों के बीच सिर्फ बातचीत के मार्फत ही हल हो सकते हैं.
महबूबा ने श्रीनगर में एक बयान में कहा, ‘यह बहुद दुखद है कि हमारा राज्य हिंसा के खत्म न होने वाले चक्र में युवाओं की जिंदगियों को गंवा रहा है, जिनका इस्तेमाल राज्य में सकारात्मक योगदान के लिए किया जा सकता था. उन्होंने कहा, ‘‘आज की मौतों से कड़वी सच्चाई सामने आई है कि बंदूक आतंकवादी की हो या सुरक्षाबलों की, यह मुद्दे को हल करने का कोई समाधान नहीं है.’