कार सेवकों ने मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा था : शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
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कार सेवकों ने मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा था : शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद हम अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद में भव्य राम मंदिर बनाएंगे.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती (फाइल फोटो)

भोपाल: द्वारका पीठ के जगतगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने रविवार को दावा किया कि अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि में मस्जिद कभी थी ही नहीं. 6 दिसंबर 1992 में कार सेवकों ने अयोध्या में मस्जिद नहीं तोड़ी थी, बल्कि मंदिर तोड़ा था. शंकराचार्य सरस्वती ने कहा, ‘‘रामजन्मभूमि में मस्जिद कभी थी ही नहीं. कोई ऐसा चिन्ह नहीं था, जिससे उसे मस्जिद कहा जा सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कार सेवकों ने मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘न तो बाबरनामा में और न ही आइने अकबरी में ऐसा कोई विवरण उपलब्ध होता है, जिससे यह सिद्ध हो कि बाबर ने अयोध्या में किसी मस्जिद का निर्माण किया था.’’ 

  1. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा देश के लिए सबसे खतरनाक चीज भ्रष्टाचार है
  2. पंच, सरपंच एवं अन्य चुनाव लड़ने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है : सरस्वती 
  3. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, मैं किसी शासक का मुरीद नहीं हूं

'अदालत के आदेश के बाद भव्य राम मंदिर बनाएंगे'
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद हम अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद में भव्य राम मंदिर बनाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के लिए सबसे खतरनाक चीज भ्रष्टाचार है. पंच, सरपंच एवं अन्य चुनाव लड़ने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है. एफआईआर दर्ज करने के लिए पैसा देने पड़ता है. सब जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. सरस्वती ने बताया, ‘‘यदि किसी देश ने भारत पर हमला किया तो पैसे के लोभी उनसे भी मिल जाएंगे.’’

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पीएम पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं वर्तमान केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार के खिलाफ बोलता हूं तो सीधे कह दिया जाता है कि मैं कांग्रेसी हूं. मैं उस समय कांग्रेसी था जब भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी. उस समय कांग्रेस के सिवाय कोई दूसरी पार्टी लड़ ही नहीं रही थी और आज मैं धर्माचार्य हूं.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी शासक का मुरीद नहीं हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं शंकराचार्य हूं. हमारा धर्म है सनातन धर्म के हितों की रक्षा करना. हिन्दू हितों के खिलाफ कोई बोलेगा तो शंकराचार्य अपनी जुबान बंद नहीं रखेगा.’’

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