EC ने कहा: सिर्फ एनसीपी और माकपा ने ईवीएम चुनौती के लिए भेजा नाम, कांग्रेस-बसपा-आप हटी पीछे
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EC ने कहा: सिर्फ एनसीपी और माकपा ने ईवीएम चुनौती के लिए भेजा नाम, कांग्रेस-बसपा-आप हटी पीछे

शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एकमात्र राजनीतिक दल है जिसने निर्वाचन आयोग की ओर से तीन जून को आयोजित ईवीएम हैकिंग चुनौती में भाग लेने में दिलचस्पी जतायी है. भारत निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने शुक्रवार (26 मई) को इसकी जानकारी दी.

चुनाव आयोग ने कहा कि राकांपा और माकपा ने ईवीएम चुनौती में भाग लेने की इच्छा जतायी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केवल दो राजनीतिक दलों शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और माकपा ने निर्वाचन आयोग की ओर से तीन जून को आयोजित ईवीएम हैकिंग चुनौती में भाग लेने में दिलचस्पी जतायी है जबकि ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका पुरजोर तरीके से उठाने वाली आम आदमी पार्टी और बसपा ने इससे दूरी बनाई है. चुनाव आयोग ने शुक्रवार (26 मई) शाम ऐलान किया कि आठ दलों में से केवल राकांपा और माकपा ने इस चुनौती को स्वीकार किया है. शुक्रवार (26 मई) चुनौती के लिए पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि थी.

इससे पहले आयोग ने कहा था कि केवल राकांपा ने चुनौती स्वीकार की है, लेकिन आयोग के प्रवक्ता ने बाद में स्पष्ट किया कि माकपा ने भी इस कवायद में शामिल होने की इच्छा जताई है. आयोग ने तीन जून को सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक चुनौती की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि तीन जून की चुनौती से संबंधित निर्वाचन आयोग के पत्र पर कुल आठ दलों ने जवाब दिया है. आयोग के मुताबिक राजद के आवेदन का ईमेल शाम 5:39 बजे मिला जो पांच बजे की समयसीमा के बाद आया इसलिए उसे खारिज कर दिया गया.

प्रवक्ता ने कहा, ‘भाकपा, माकपा, भाजपा और राजद ने (चुनौती को) देखने की इच्छा जतायी है.’ आयोग ने पिछले शनिवार (20 मई) को ईवीएम को हैक करने या उसके साथ छेड़छाड़ करने की चुनौती देते हुए इसके लिए तीन जून की तारीख तय की थी. उन्होंने कहा, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने लिखा है कि वह चुनौती में भाग नहीं लेगी. आयोग ने पिछले शनिवार (20 मई) को ईवीएम को हैक करने या उसके साथ छेड़छाड़ करने की चुनौती देते हुए इसके लिए तीन जून की तारीख तय की थी.

कांग्रेस ने ईसी से ईवीएम चुनौती के नियमों में ढील देने की अपील की

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शुक्रवार (26 मई) को अपील की कि वह ईवीएम चुनौती के उन तीन नियमों में ढील दे जो चुनौती देने वाले को मशीनों की पूरी जांच करने से रोकते हैं. कांग्रेस ने कहा कि इन नियमों को शामिल किए जाने से इस कदम की विश्वसनीयता कमजोर पड़ती है. 

एआईसीसी के संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में कहा कि पार्टी की राय में यह चुनौती ‘गुंजाइश, पैमाने एवं नियमों के मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी एवं स्पष्ट’ होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस चुनौती के व्यापक नियम एवं उसकी शर्तें चुनौती देने वाले को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की पूरी जांच करने से रोकती हैं. उन्होंने कहा, ‘हम आपसे चुनौती के तीन नियमों में ढील देने पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं.’

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