सख्त कानून के बिना धर्मान्तरण पर प्रभावी रोक संभव नहीं : सुषमा
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सख्त कानून के बिना धर्मान्तरण पर प्रभावी रोक संभव नहीं : सुषमा

देश में धर्मान्तरण को रोकने के लिए एक कड़ा कानून बनाये जाने पर जोर देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां कहा कि जब तक इस मसले को लेकर कानून नहीं बनाया जाता तब तक इस पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लगायी जा सकती।

सख्त कानून के बिना धर्मान्तरण पर प्रभावी रोक संभव नहीं : सुषमा

भोपाल : देश में धर्मान्तरण को रोकने के लिए एक कड़ा कानून बनाये जाने पर जोर देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां कहा कि जब तक इस मसले को लेकर कानून नहीं बनाया जाता तब तक इस पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लगायी जा सकती।

सुषमा स्वराज ने गुरुवार को यहां मोदी सरकार के सात माह पूरे होने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाये जा रहे सुशासन दिवस पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि हमने लोकसभा में भी कह दिया है कि इस मामले में कड़ा कानून बनाने के लिये सभी दलों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक सारे दल इस मुद्दे पर एक होकर समर्थन नहीं देंगे तब तक इस पर प्रभावी रोक नहीं लग सकेगी।

विदेश मंत्री ने कहा पिछले सात माह में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार विकासोन्मुखी और सुशासनयुक्त सरकार देकर दोनों मानदंडों पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ और ‘मेक इन इंडिया’ का नारा इसी दिशा में किये गये प्रयास हैं। सुषमा स्वराज ने कहा कि जन धन योजना के तहत देश में पहली बार साढे सात करोड़ नये खाते खोलकर देश की 97 प्रतिशत जनसंख्या को बैंकों से जोड़ा गया है और आगामी 26 जनवरी तक शत प्रतिशत जनता को बैंक से जोड़ने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि जब शत प्रतिशत जनता बैंक से जुड़ जायेगी तो सरकार की योजनाओं को लाभ सीधे उस तक पहुंच सकेगा। सुषमा स्वराज ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया का नारा देकर देश विदश में उद्यमियों को यहां कारखाने लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यदि देश में कारखाने लगेंगे तो हमारे यहां के युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

अपने विभाग के तहत पासपोर्ट कार्यालयों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतों का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि पूर्व में पासपोर्ट बनाने को लेकर अनेक शिकायते थीं लेकिन हमने एक समयबद्ध ढंग से इन शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया है।

सुषमा स्वराज ने कहा कि पूर्व में पासपोर्ट बनाने के लिये 28 कार्य दिवस का समय लगता था, उसे हमने घटाकर सात कार्य दिवस कर दिया है और अब इसे भी घटाकर तीन दिन करने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि हम अब जल्द ही ई-पासपोर्ट भी शुरु कर रहे हैं।

उन्होंने देश में पासपोर्ट कार्यालयों की कमी स्वीकार करते हुए कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में केवल दो पासपोर्ट कार्यालय थे और अब हमने उत्तर पूर्व के सारे राज्यों में कार्यालय खोल दिये हैं।

विदेशी बैंकों से कालाधन लाये जाने संबंधी प्रश्न के उत्तर में सुषमा स्वराज ने कहा कि कालाधन लाने के लिये सरकार ने कम काम नहीं किया है और प्रधानमंत्री ने जी-20 सम्मेलन में भी इसे प्रभावी ढंग से उठाया था।

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