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नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से धर्मांतरण विरोधी कानून का समर्थन करने के लिए विपक्ष को चुनौती दिए जाने से राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। कई पार्टियों ने उनके विचार को लेकर निशाना साधा और सवाल किया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी चुप क्यों हैं।
कांग्रेस नेता और पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि संघ को भारत का ‘पाकिस्तानीकरण’ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
तिवारी ने कहा, ‘पाकिस्तान का विचार अपने मूल सिद्धांत के कारण बेकार साबित हुआ और अगर आरएसएस भारत का पाकिस्तानीकरण चाहता है तो किसी भी सूरत में इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के धर्मनिरपेक्ष विचार को कायम रखने के लिए न सिर्फ उचित मंचों पर लड़ाई लड़ी जाएगी, बल्कि इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इसे जनता के स्तर पर लड़ा जाएगा।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘आरएसएस जबरन और लालच के जरिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून चाहती है। क्या वे गंभीर हैं? क्या वे घर वापसी को धर्मांतरण मानेंगे?’