दिनाकरण का समर्थन करने पर AIADMK ने 6 पदाधिकारियों को निकाला
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दिनाकरण का समर्थन करने पर AIADMK ने 6 पदाधिकारियों को निकाला

अन्नाद्रमुक ने विरोधी गुट के नेता टीटीवी दिनाकरण का समर्थन करने पर छह पदाधिकारियों को पद से हटा दिया है.

दिनाकरण का 6 पदाधिकारियों ने किया था समर्थन (फाइल फोटो)

चेन्नई: अन्नाद्रमुक ने विरोधी गुट के नेता टीटीवी दिनाकरण का समर्थन करने पर छह पदाधिकारियों को पद से हटा दिया है. उन्होंने अन्नाद्रमुक के अपने प्रतिद्वंद्वी ई मधुसूधनन को 40,000 से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी. दिनकरण को कुल 89013 वोट मिले जबकि अन्नाद्रमुक के अपने प्रतिद्वंद्वी ई मधुसूधनन को 48306 वोट मिले. बीजेपी को महज 1417 वोट मिले. जयललिता ने 2015 के उपचुनाव और 2016 के विधानसभा चुनाव में आर के नगर से जीती थीं.

  1. दिनाकरण का समर्थन करने पर अन्नाद्रमुक ने पदाधिकारियों को निकाला
  2. अन्नाद्रमुक के अपने प्रतिद्वंद्वी को 40,000 से ज्यादा वोटों से हराया था
  3. दिनाकरण का दावा- पलानीस्वामी सरकार तीन महीने में गिर जाएगी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टीटीवी दिनाकरण का साथ देने की बात पता चलने पर छह पदाधिकारियों को पद से हटा दिया गया है. हालांकि, इनके नाम अब तक सामने नहीं आ सके हैं. पार्टी की ओर से भी अभी इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

जीत पर ये कहा था दिनाकरण ने
जीत से उत्साहित दिनाकरण ने मीडिया से कहा था, ‘‘हम सच्चे अन्नाद्रमुक हैं, ...आर के नगर के लोगों ने अम्मा के उत्तराधिकारी का चुनाव किया है.’’उन्होंने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अगुवाई वाली अन्नाद्रमुक सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि बढ़ता अंतर दर्शाता है कि लोग सत्ता परिवर्तन चाहते हैं.

'जयललिता को अपोलो अस्पताल लाया गया था तो उनकी सांस नहीं चल रही थी'

उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों जैसे अविनाशी, अरुमनाई में मेरे दौरे के दौरान लोगों ने कहा कि प्रेशक कुकर (उनका चुनाव निशान) जीतेगा. वे सत्ता परिवर्तन चाहते हैं.’’ जीत का दावा करते हुए बागी नेता ने कहा कि यह पार्टी संस्थापक रामचंद्रन (एमजीआर) की 30 वीं पुण्यतिथि पर ‘‘1.5 करोड़ पार्टी समर्थकों के लिए सबसे अच्छी सौगात है. ’’ 

चुनाव आयोग द्वारा पलानीस्वामी गुट को चुनाव आयोग द्वारा अन्नाद्रमुक का चुनाव निशान देने के संबंध में दिनाकरण ने कहा, ‘‘हम सच्चे अन्नाद्रमुक हैं. उम्मीदवार निशान तय करता है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि दो पत्ती निशान तभी सफल निशान होगा जब यह पुरची थलैइवी (एमजीआर)और अम्मा (जयललिता) के साथ होगा. यदि यह एन एन नाम्बियार और पी एस वीरप्पा को दे दिया तो क्या लोग उसे वोट करेंगे.’’ नाम्बियार और वीरप्पा बीते जमाने के खलनायक रहे हैं. जब एमजीआर बड़े पर्दे के हीरो होते थे तब वे खलनायक होते हैं. दिनाकरण ने कहा कि पलानीस्वामी सरकार तीन महीने में गिर जाएगी.

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