असम हिंसा : 81 राहत शिविरों में रह रहे हैं 1.15 लाख से ज्यादा लोग
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असम हिंसा : 81 राहत शिविरों में रह रहे हैं 1.15 लाख से ज्यादा लोग

असम सरकार ने आज दावा किया कि अशांत जिलों में स्थिति में सुधार आया है और एनडीएफबी के हमले के बाद 81 राहत शिविरों में करीब 1.15 लाख लोग रह रहे हैं ।

गुवाहाटी : असम सरकार ने आज दावा किया कि अशांत जिलों में स्थिति में सुधार आया है और एनडीएफबी के हमले के बाद 81 राहत शिविरों में करीब 1.15 लाख लोग रह रहे हैं ।

असम के आयुक्त एवं सचिव (राजनीतिक एवं गृह) प्रतीक हजेला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘स्थिति में सुधार आ रहा है। बोडो और आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा की घटनाओं में कमी आई है और यह नियंत्रण में है।’ उन्होंने कहा कि सोनितपुर, कोकराझार, चिरांग और उदलगुड़ी जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है और अभी तक किसी बड़ी घटना के बारे में सूचना नहीं है।

एनडीएफबी (एस) आतंकवादियों द्वारा मंगलवार की शाम को किए गए हमले, जवाबी हिंसा और चार जिलों में पुलिस की कथित गोलीबारी में 26 महिलाओं और 18 बच्चों सहित 81 लोग मारे जा चुके हैं। राहत शिविरों के बारे में असम के आयुक्त और सचिव (आपदा प्रबंधन) प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि वर्तमान में करीब 1.05 लाख लोग चार जिलों के 81 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इनके अलावा डर के कारण राहत शिविरों में रात के समय करीब 10 फीसदी और लोग आ जाते हैं।’ तिवारी ने कहा कि हमले के बाद दोनों समुदायों द्वारा कुल 364 घरों में आग लगा दी गई। इनमें से 186 घर सोनितपुर में, कोकराझार में 117, चिरांग में 41 अैर उदलगुड़ी में 20 घर जला दिए गए। चिरांग में 11 शिविरों में करीब 13 हजार लोग रह रहे हैं जिनमें से सात बोडो और चार आदिवासियों के लिए हैं।

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