चुनाव आयोग (ईसी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गोवा की एक चुनावी सभा में पैसे लेने संबंधी बयान देने को लेकर फटकार लगायी है और कहा कि यदि वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो उनके और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें आप की मान्यता को निलंबित करना या वापस लेना भी शामिल होगा।
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नई दिल्ली : चुनाव आयोग (ईसी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गोवा की एक चुनावी सभा में पैसे लेने संबंधी बयान देने को लेकर फटकार लगायी है और कहा कि यदि वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो उनके और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें आप की मान्यता को निलंबित करना या वापस लेना भी शामिल होगा।
उसने शुक्रवार को जारी अपने आदेश में कहा, ‘चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आपकी निंदा करता है और आशा करता है कि आप चुनाव के समय अपनी सार्वजनिक बयानबाजी में ज्यादा होशियार रहेंगे।’ उसने कहा, ‘आप यह भी ध्यान में रखें कि भविष्य में ऐसा ही उल्लंघन करने की स्थिति में आयोग चुनाव निशान (संरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के अनुच्छेद 16 ए में प्राप्त अधिकारों समेत अपने सभी अधिकारों का इस्तेमाल कर आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।’ अनुच्छेद 16 चुनाव पैनल को किसी भी मान्यताप्राप्त दल के आदर्श आचार संहिता, आयोग के कानूनी निर्देशों एवं दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर उसकी मान्यता निलंबित करने या वापस लेने का अधिकार प्रदान करता है।
केजरीवाल को 16 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयेाग ने उन्हें एक चुनाव रैली में यह कहते हुए उद्धृत किया था कि कांग्रेस और भाजपा पैसा बांटने आएंगी, लोगों को नये नोटो में उसे ले लेना चाहिए, यहां तक कि उन्हें महंगाई को ध्यान में रखकर 5000 रुपये के बजाय 10,000 रुपये मांगना चाहिए लेकिन वोट ‘आप’ को ही देना चाहिए। आयोग के आदेश पर केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मेरे विरूद्ध चुनाव आयोग का आदेश पूरी तरह गलत है। निचली अदालत ने मेरे पक्ष में आदेश दिया। ईसी ने अदालत के आदेश की अनदेखी की। आयोग के इस आदेश को अदालत में चुनौती दूंगा।’
चुनाव पैनल केा भेजे जवाब में केजरीवाल ने ऐसा बयान देने से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने किसी भी मतदाता को किसी रिश्वत की न तो पेशकश की और न ही मतदाताओं को किसी अन्य व्यक्ति से कोई मौद्रिक लाभ लेने के लिए बहकाया। उन्होंने कहा कि उनके बयान में ऐसा कुछ नहीं है जिसे मतलब रिश्वतखोरी को बढ़ावा देना माना जाए या फिर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन समझा जाए।
लेकिन चुनाव आयोग ने उनके इस रुख को खारिज कर दिया और याद किया कि उन्हें ऐसा ही बयान देने पर 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी ही चेतावनी दी गयी थी। ईसी ने कहा कि उसे इस बात से पीड़ा हुई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक होने के नाते आप से चुनाव अभियानों में कानून का पालन कर ऐसे शोभनीय आचरण की आशा की जाती है जिसका अन्य अनुकरण करें, लेकिन आपने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग को दिये गये अपने आश्वासन को तोड़कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।