अन्नाद्रमुक के दोनों खेमों के पार्टी के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियों’ पर दावा करने के बाद चुनाव आयोग ने इसपर रोक लगाते हुए दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न जारी कर दिए हैं. चुनाव आयोग के जारी आदेश के मुताबिक, शशिकला गुट को जहां 'हैट' चुनाव चिह्न जारी किया गया है, वहीं पनीरसेलवम गुट को 'बिजली का खंभा' चुनाव चिह्न जारी किया गया है.
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नई दिल्ली/चेन्नई : अन्नाद्रमुक के दोनों खेमों के पार्टी के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियों’ पर दावा करने के बाद चुनाव आयोग ने इसपर रोक लगाते हुए दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न जारी कर दिए हैं. चुनाव आयोग के जारी आदेश के मुताबिक, शशिकला गुट को जहां 'हैट' चुनाव चिह्न जारी किया गया है, वहीं पनीरसेलवम गुट को 'बिजली का खंभा' चुनाव चिह्न जारी किया गया है.
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#FLASH: Sasikala faction allotted 'hat' symbol with the name AIADMK Amma by Election Commission. pic.twitter.com/XLCyFUoItg
— ANI (@ANI_news) 23 March 2017
इससे पहले चुनाव आयोग ने बुधवार रात एक अंतरिम आदेश में अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियों’ के उपयोग पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि दोनों विरोधी खेमे प्रतिष्ठित आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी के चुनाव चिह्न और इसके नाम के उपयोग नहीं कर सकते हैं. दिन भर की सुनवाई के बाद आयोग ने कहा कि अंतिम आदेश जारी करने के लिहाज से बहुत कम समय बचा है इसलिए वह अंतरिम आदेश जारी कर रहा है.
इस सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का गुरुवार को आखिरी दिन है. आयोग ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी इच्छा के अनुसार जिस नाम को चुनेंगे, वे उसी नाम से जाने जाएंगे. साथ ही दोनों समूहों को अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किये जाएंगे.
चुनाव आयोग के फैसले पर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिह्न नहीं मिलना ‘आश्चर्यजनक और निराशाजनक’ है.
जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद वर्ष 1987 में पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर रोक लगा दी थी.