शर्मनाक! अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 KM चलना पड़ा पैदल, नहीं मिली एंबुलेंस सेवा देखें VIDEO
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शर्मनाक! अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 KM चलना पड़ा पैदल, नहीं मिली एंबुलेंस सेवा देखें VIDEO

भुवनेश्वर के पिछड़े जिले कालाहांडी से दुर्भाग्यपूर्ण खबर आई है. यहां एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा।ऐसा उसने मजबूरी वश किया क्योंकि उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिली।

शर्मनाक! अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 KM चलना पड़ा पैदल, नहीं मिली एंबुलेंस सेवा देखें VIDEO

नई दिल्ली: भुवनेश्वर के पिछड़े जिले कालाहांडी से दुर्भाग्यपूर्ण खबर आई है. यहां एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा।ऐसा उसने मजबूरी वश किया क्योंकि उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिली।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त व्यक्ति को अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था जिसके बाद उसने शव को पैदल ही घर तक पहुंचाने की ठानी। व्यक्ति के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी मौजूद थी।

बुधवार सुबह स्थानीय लोगों ने दाना माझी को अपनी पत्नी अमंग देई के शव को कंधे पर लादकर ले जाते हुए देखा। 42 वर्षीय अमंग की मंगलवार रात को भवानीपटना में जिला मुख्यालय अस्पताल में टीबी से मौत हो गई थी।

खबर है कि 42 वर्षीय महिला की मंगलवार रात को भवानीपटना में जिला मुख्यालय अस्पताल में मौत हो गई थी जो टीबी रोग से ग्रसित थी।

मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस प्रकार की स्थिति से निवारण के लिए एक योजना की शुरूआत नवीन पटनायक सरकार की ओर से की गई है। इस योजना की शुरूआत फरवरी माह में हुई है जिसका नाम ‘महापरायण’ योजना है। योजना के तहत शव को सरकारी अस्तपताल से मृतक के घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन की सुविधा दी जाती है।

माझी ने इस संबंध में बताया कि बहुत कोशिश के बावजूद भी उसे अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की मदद नहीं दी गई। जब किसी भी प्रकार की सुविधा उसे उपलब्ध नहीं हुई तो उसने अपनी पत्नी के शव को एक कपड़े में लपेटा और उसे कंधे पर लादकर भवानीपटना से करीब 60 किलोमीटर दूर रामपुर ब्लॉक के मेलघारा गांव के लिए पैदल रवाना हो गया।

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