तमिलनाडु ने इस साल ‘अम्मा’ को खोया, AIADMK ने लगातार दूसरी जीत हासिल की
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तमिलनाडु ने इस साल ‘अम्मा’ को खोया, AIADMK ने लगातार दूसरी जीत हासिल की

तमिलनाडु के लिए यह साल दुखद खबर लेकर आया। यहां की लोकप्रिय नेता जे जयललिता ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। इसके सात महीने पहले ही उनके नेतृत्व में अन्नाद्रमुक ने विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी और शानदार जीत हासिल की थी।

तमिलनाडु ने इस साल ‘अम्मा’ को खोया, AIADMK ने लगातार दूसरी जीत हासिल की

चेन्नई : तमिलनाडु के लिए यह साल दुखद खबर लेकर आया। यहां की लोकप्रिय नेता जे जयललिता ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। इसके सात महीने पहले ही उनके नेतृत्व में अन्नाद्रमुक ने विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी और शानदार जीत हासिल की थी।

चक्रवाती तूफान वरदा, कावेरी जल विवाद के कारण बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शन और हिंसा राज्य की प्रमुख खबरों में बने रहे। जयललिता के जाने के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक पार्टी मामलों और प्रशासन पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है जबकि विपक्षी द्रमुक कावेरी और जलीकट्टू जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को ताजा रखे हुए है। चक्रवाती तूफान वरदा ने वर्ष 2015 की भारी बारिश की तकलीफदेह यादें ताजा कर दी।

मई में छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद जयललिता ने महत्वपूर्ण कदम उठाने शुरू कर दिए। उन्होंने किसानों के लिए कर्ज माफी, महिला लाभान्वितों को सोने के आवंटन में वृद्धि और तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉपरेरेशन की शराब की 500 दुकानों को बंद करने जैसे फैसले लिए। स्वास्थ्य ठीक न होने पर जयललिता को 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और पांच दिसंबर को उनका निधन हो गया। द्रमुक प्रमुख करूणानिधि भी कई बार अस्पताल में भर्ती हुए।

जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक नेताओं ने वी के शशिकला से पार्टी की कमान संभालने का अनुरोध किया। कर्नाटक के साथ कावेरी जल विवाद को लेकर कानूनी जंग जारी रही और सितंबर तथा अक्तूबर माह में इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। तमिलनाडु के एक निजी ऑपरेटर की 30 बसें बेंगलुरु में आग के हवाले कर दी गईं। बस सेवाएं, ट्रक परिवहन कई हफ्तों तक बंद रहा और अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया। जयललिता ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले कावेरी जल को लेकर उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई शुरू कर दी थी। दक्षिण भारत में अदालत परिसरों में विस्फोटों के लिए जिम्मेदार दाउद सुलेमान और उसके साथियों की गिरफ्तारी तमिलनाडु में एनआईए के लिए खास सफलता रही।

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