बीरभूम हिंसा के लिए ममता ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार
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बीरभूम हिंसा के लिए ममता ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार

भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर विपक्ष का मुंह बंद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए विपक्षी दलों को चेतावनी दी कि निंदा अभियान नहीं चलाएं और विकास के मुद्दे पर उनसे मुकाबला करके दिखाएं।

बीरभूम हिंसा के लिए ममता ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार

कोलकाता : भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर विपक्ष का मुंह बंद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए विपक्षी दलों को चेतावनी दी कि निंदा अभियान नहीं चलाएं और विकास के मुद्दे पर उनसे मुकाबला करके दिखाएं।

समस्याग्रस्त मकरा गांव का दौरा करने के भाजपा के एक केंद्रीय दल के प्रयासों से नाराज सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आज निशाना साधा और पार्टी के सांसद तथा ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि वहां 27 अक्तूबर की हिंसा के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है जिसमें तीन लोग मारे गये।

मुख्यमंत्री ने गंगा सागर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम निंदा अभियानों से नहीं रक सकते। मेरा काम सभी को साथ लेकर चलना है। जो विरोध करेंगे, हटा दिये जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा ध्येय ‘सर्व धर्म समन्याय’ है। हम धर्म और जाति का विचार किये बिना लोगों की सेवा करते हैं। निंदा अभियान और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार काम नहीं करेगा। लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे।’

कोलकाता में ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि मकरा गांव में झड़प में मारे गए तीनों लोग तृणमूल कांग्रेस के थे। उन्होंने कहा, ‘पार्टी के झंडे लेकर हमले करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं की तस्वीरें भी हैं।’ उन्होंने कहा कि शांति में खलल डालने की किसी भी कोशिश को पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी जहां वाम मोर्चा के 34 साल के शासन के बाद लोकतंत्र बहाल हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘जब सिंगूर (टाटा मोटर की नैनो कार परियोजना को लेकर) में 2006 में आंदोलन हुआ था तब भाजपा के केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां का दौरा क्यों नहीं किया?’ उन्होंने बताया, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में तीन दिन पहले कहा था कि राज्य में शांति बनी रहेगी और राज्य सरकार इसमें खलल डालने की इजाजत नहीं देगी।’

तृणमूल कांग्रेस महासचिव मुकुल रॉय ने भाजपा की आलोचना करते हुए उस पर पश्चिम बंगाल में अशांति पैदा करने की कोशिश करने, लोगों को बांटने तथा राज्य की छवि ‘धूमिल’ करने का आरोप लगाया। रॉय ने भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी और सांसद कीर्ति आजाद तथा उदित राज सहित पार्टी के अन्य नेताओं की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए कहा, ‘कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है चाहे वह सांसद ही क्यों न हो।’

पुलिस ने बताया कि भाजपा नेताओं को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर गांव में घुसना चाहते थे जहां 27 अक्तूबर को तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई थी। इस घटना में तीन लोग मारे गए थे और कम से कम पांच मकानों को आग के हवाले कर दिया गया था।

रॉय ने कहा, ‘भाजपा धर्म के आधार पर राज्य में अशांति पैदा करने और आम आदमी के लिए ममता बनर्जी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य को रोकने की कोशिश कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है और राज्य के लोग इस दिशा में भाजपा की कोशिशों का प्रतिरोध करेंगे। भाजपा न सिर्फ मकरा गांव में बल्कि समूचे पश्चिम बंगाल में अशांति पैदा करना चाहती है।’

इससे पहले गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता नकवी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है। तृणमूल कांग्रेस सरकार वह सब छिपाने की कोशिश कर रही है जो मकरा में हुआ। यह शर्म की बात है।’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार बल प्रयोग करके विपक्ष की आवाज को दबाना चाह रही है।’

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