बंगाल के नगर निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को मिली शानदार जीत
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बंगाल के नगर निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को मिली शानदार जीत

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम के 144 वॉर्डों में से 114 पर जीत हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, पार्टी को पश्चिम बंगाल के 91 नगर निकायों में से 69 पर भी जीत मिली ह

बंगाल के नगर निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को मिली शानदार जीत

कोलकाता : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम के 144 वॉर्डों में से 114 पर जीत हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, पार्टी को पश्चिम बंगाल के 91 नगर निकायों में से 69 पर भी जीत मिली ह

विधानसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल मुकाबले के तौर पर देखे जा रहे नगर निकाय चुनावों में जीत से तृणमूल कांग्रेस का मनोबल बढ़ेगा । पार्टी पर हाल के महीनों में भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हैं जिसमें सारदा चिटफंड घोटाले में उसके कुछ नेताओं की कथित संलिप्तता भी शामिल है ।

मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इस जीत को ‘विपक्ष और मीडिया के एक हिस्से की ओर से चलाए गए झूठे अभियान को करारा जवाब’ करार दिया।

कोलकाता नगर निगम के पिछले चुनावों में 95 सीटें जीते वाली तृणमूल कांग्रेस ने इस बार 114 सीटों पर जीत हासिल की जबकि उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को पिछली बार 33 सीटें मिली थी लेकिन इस बार महज 15 सीटें नसीब हुईं ।

कोलकाता नगर निगम में मुख्य विपक्ष के तौर पर वाम मोर्चा की जगह लेने की कोशिश कर रही भाजपा अपनी सीटें तीन से बढ़ाकर सिर्फ सात कर सकी ।

निर्दलीय उम्मीदवारों को कोलकाता नगर निगम के चुनाव में तीन सीटें हासिल हुईं ।

राज्य की राजनीति में तेजी से अहमियत खोती जा रही कांग्रेस को 2010 में आठ सीटें मिली थी लेकिन इस बार उसे पांच से ही संतोष करना पड़ा ।

तृणमूल कांग्रेस को बड़ी जीत भले ही मिली, लेकिन उसके कुछ कद्दावर नेताओं को हार का भी सामना करना पड़ा ।

कोलकाता नगर निगम के निवर्तमान बोर्ड के अध्यक्ष सच्चिदानंद बनर्जी, डिप्टी-मेयर फरजाना आलम के अलावा पार्टी के वरिष्ठ पाषर्द परेश पाल को हार का सामना करना पड़ा । कोलकाता नगर निगम के निवर्तमान बोर्ड में नेता प्रतिपक्ष और माकपा नेता रूपा बागची को तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा ।

सिलिगुड़ी नगर निगम में माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को अपनी खोई जमीन कुछ हद तक हासिल हुई है । यहां की 47 में से 23 सीटें वाम मोर्चा ने जीती है।

तृणमूल कांग्रेस को सिलिगुड़ी नगर निगम में 17 सीटें मिली । तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं राज्य के मंत्री गौतम देव और माकपा नेता एवं पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य के लिए यह प्रतिष्ठा का मुकाबला था ।

कांग्रेस को पांच सीटें मिली जबकि भाजपा को दो सीटें हासिल हुईं । इस सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार को भी जीत मिली।

तृणमूल कांग्रेस को बांकुड़ा के सोनामुखी, उत्तर 24 परगना के बादुरिया, उत्तर दमदम, कूचबिहार के माथाभंगा और तूफानगंज, नदिया के गयेशपुर नगर निकायों में भी जीत हासिल हुई।

वाम मोर्चा को महज पांच नगर निकायों - जंगीपुर, दिनहाटा, दाईहाट, सिलिगुड़ी और ताहिरपुर - में जीत मिली जबकि कांग्रेस को भी पांच नगर निकायों - मुर्शिदाबाद, कांडी, झालदा, कालियागंज और इस्लामपुर - में जीत हासिल हुई । भाजपा एक भी नगर निकाय पर जीत दर्ज नहीं कर सकी ।

12 निकायों के भाग्य का फैसला नहीं हो पाया है क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल बहुमत हासिल नहीं कर सका है।

 

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