पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे एवं आखिरी चरण के तहत पूर्वी मिदनापुर और कूचबिहार के दो जिलों में मतदान में अपराह्न एक बजे तक 61 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे एवं आखिरी चरण के तहत पूर्वी मिदनापुर और कूचबिहार के दो जिलों में मतदान में अपराह्न एक बजे तक 61 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
पूर्वी मिदनापुर जिला में 63.51 प्रतिशत जबकि कूचबिहार जिला में 58.81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। अपराह्न एक बजे तक मतदान का कुल औसत 61.88 प्रतिशत रहा।आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के 9,776 निवासियों को अपने मताधिकार का उपयोग करने का अवसर मिला है। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में औपचारिक विलय के बाद संभव हुआ।
अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वालों में 103 साल के असगर अली भी शामिल हैं। वह अपने परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ वोट डालने आए। सभी पहली बार वोट डाल रहे हैं।चुनाव आयोग के अधिकारी कूचबिहार जिले में बारिश की संभावना से चिंतित थे क्योंकि इससे मतदान प्रतिशत और चुनाव कर्मियों के कार्य पर असर पड़ सकता है। बहरहाल, आज दोपहर तक बारिश नहीं हुई। सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक 25 निर्वाचन क्षेत्रों के 6,774 मतदान केंद्रों पर हो रहे मतदान में 58 लाख से अधिक मतदाताओं को अपने मताधिकार का उपयोग कर अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिला है।
इस चरण के चुनाव के लिए 18 महिलाओं समेत कुल 170 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।चुनाव आयोग ने बिना किसी रोक-टोक के शांतिपूर्ण चुनाव आयोजित करने के लिए केन्द्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की हैं। उनकी मदद राज्य पुलिस के 12 हजार कर्मी कर रहे हैं। मतदान में लोगों के किसी भी प्रकार के गैरकानूनी जमावड़े को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा और इन आदेशों को सख्ती से लागू करने की घोषणा की गई है।
पूर्वी मिदनापुर जिले में मोयना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक मतदान केंद्र को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बूथ संख्या 236 के पास हथियारों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जुटने की शिकायत दर्ज कराई है।तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पर इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बूथ संख्या 14, 107 और 249 में बूथ जाम करने का भी आरोप लगाया है।
मोयना निर्वाचन क्षेत्र में गोबरा के अंतर्गत आने वाली बूथ संख्या 231 के पास मतदाताओं को भोजन देने के आरोप में सुरक्षा कर्मियों ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया।पुलिस ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस एवं कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं के दो समूह मतदाताओं के बीच कथित रूप से भोजन बांट रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने उनका पीछा किया, उनमें से अधिकतर भागने में सफल रहे लेकिन पांच को पकड़ लिया गया।
माकपा ने दावा किया कि वह नंदीग्राम के कम से कम 52 मतदान केंद्रों में चुनाव एजेंट नियुक्त नहीं कर सकी है जिस पर तृणमूल के सांसद शुवेंदु अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘इसके लिए हमें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’’ कूचबिहार जिला में नाटाबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल और माकपा की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। इस क्षेत्र से तृणमूल के जिला अध्यक्ष रवींद्रनाथ घोष ने नाटाबाड़ी के देवचराय में केंद्रीय बलों की मनमानी का भी आरोप लगाया।
पूर्वी मिदनापुर जिले में मोयना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक मतदान केंद्र को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बूथ संख्या 236 के पास हथियारों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जुटने की शिकायत दर्ज कराई है। तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पर इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बूथ संख्या 14, 107 और 249 में बूथ जाम करने का भी आरोप लगाया है।मोयना निर्वाचन क्षेत्र में गोबरा के अंतर्गत आने वाले बूथ संख्या 231 के पास मतदाताओं को भोजन देने के आरोप में सुरक्षा कर्मियों ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस एवं कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं के दो समूह मतदाताओं को भोजन दे रहे थे।सुरक्षाकर्मियों ने उनका पीछा किया, उनमें अधिकतर भागने में सफल रहे लेकिन पांच को पकड़ लिया गया।माकपा ने दावा किया कि नंदीग्राम के कम से कम 52 मतदान केंद्रों में चुनाव एजेंट को नियुक्त नहीं किया गया है जिस पर तृणमूल के सांसद सुवेंदु अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘इसके लिए हमें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’’
कूचबिहार जिला में नाटाबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल और माकपा की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। इस क्षेत्र से तृणमूल के जिला अध्यक्ष रवींद्रनाथ घोष और माकपा के पूर्व विधायक तमसेर अली एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।घोष ने नाटाबाड़ी के देवचराय में केंद्रीय बलों की मनमानी का भी आरोप लगाया।
अंतिम चरण के मतदान में कुल 170 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 18 महिलाएं हैं।आजादी के बाद यह पहली बार है, जब कूचबिहार की सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले साल इन बस्तियों का विलय भारतीय क्षेत्र में होने के बाद ऐसा संभव हो पाया है।बस्तियों में कुल 9776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करते हुए चुनावी पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की हैं, जिन्हें राज्य पुलिस के 12000 जवानों का सहयोग प्राप्त है।अपराध दंड संहिता की धारा 144 के तहत मतदान के दिन के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और लोगों को अवैध रूप से एक स्थान पर जमा होने से रोकने के लिए इस निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू किया गया है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि मौसम विज्ञानियों ने कूचबिहार में भारी बारिश की संभावना बताई है। ऐसे में उन्हें यहां मतदान के प्रतिशत और चुनाव कर्मियों के कामकाज पर भारी असर पड़ने की चिंता सता रही है।पूर्वी मिदनापुर के मोयना विधानसभा क्षेत्र स्थित एक मतदान केंद्र में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि उसके लोग बूथ संख्या 236 के पास हथियारों के साथ एकत्र हुए।
तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पर इसी निर्वाचन क्षेत्र की बूथ संख्या 14, 107 और 249 को जाम करने का भी आरोप लगाया।माकपा ने दावा किया कि वह नंदीग्राम के 52 मतदानकेंद्रों पर पोलिंग एजेंट तैनात नहीं कर सकी। इसपर तृणमूल के सांसद सुवेंदू अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘उसके लिए हमें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’’
कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए चुनाव पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की हैं, जिन्हें राज्य पुलिस बल के 12,000 जवानों की मदद मिल रही है।चुनाव वाले दिन लोगों के किसी भी प्रकार के गैरकानूनी जमावड़े को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा और इन आदेशों को सख्ती से लागू करने की घोषणा की गई है। कुल मतदाताओं में से 27.8 लाख महिलाएं हैं और 68 मतदाता तीसरे लिंग वाली श्रेणी में हैं।
पिछले कुछ घंटों में दोनों जिलों में कई जगहों पर गरज के साथ छींटें पड़ने से मौसम खुशगवार रहने का अनुमान है। बहरहाल, मौसम विभाग के कर्मियों ने विशेष तौर पर कूचबिहार जिले में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। आजादी के बाद, यह पहली बार है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में औपचारिक विलय के बाद संभव हो पा रहा है।
इन बस्तियों में 9,776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं।मध्य मशालदंगा के 103 वर्षीय असगर अली अपने जीवन में पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं।वहीं, पूर्वी मिदनापुर में जिला प्रशासन ने नि:शक्त जनों के लिए चुनावों को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।मतदाता सूची में 15,500 नि:शक्त जन बताए गए हैं। हर मतदान परिसर में एक व्हीलचेयर, रैंप, ब्रेल संकेत लगाए गए हैं।
दोनों जिलों में अब तक कुल 714 संवेदनशील गांवों और 1,685 संवेदनशील मतदाताओं की पहचान की गई है। करीब 900 बदमाशों की पहचान हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।सभी की निगाहें पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम पर टिकी हैं जहां हुए भूमि अधिग्रहण विरोधी हिंसक आंदोलन ने 34 वर्ष से सरकार में रहे वाम मोर्चा को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाई।
2011 में पूर्वी मिदनापुर जिले में तृणमूल कांग्रेस 16 सीटों पर विजयी रही थी और इस बार उसने तामलुक से सांसद सुवेंदु अधिकारी को नंदीग्राम में चुनाव मैदान में उतारा है जिनके खिलाफ कांग्रेस-वाम गठबंधन द्वारा समर्थित माकपा के अब्दुल कबीर शेख मैदान में हैं।राज्य पर्यावरण मंत्री सुदर्शन घोष दस्तीदार इस चुनावी दौड़ के एक अन्य दिग्गज दावेदार हैं। वह अपनी माहिसादल सीट को बचाने के प्रयास में हैं।