पाकिस्तान ने अपनाई 'मोदी सरकार' की तरकीब, बचाए 4300 करोड़ रुपए
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पाकिस्तान ने अपनाई 'मोदी सरकार' की तरकीब, बचाए 4300 करोड़ रुपए

पाकिस्तान ने साल 2016 में दुनिया भर की तेल कंपनियों से मोल-भाव करके नेचुरल गैस खरीदने की डील की थी. इस डील के तहत पाकिस्तान मौजूदा रेट की अपेक्षा सस्ती दर पर अगले 10 साल तक नेचुरल गैस खरीदेगा.

मोदी सरकार ने साल 2015 में डील की थी तो पाकिस्तान ने 2016 में नेचुरल गैस खरीदने की डील की.

इस्लामाबाद: हाल ही में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में वहां की सभी राजनीतिक पार्टियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर कोसा, लेकिन इस बार उन्हीं के फॉर्मूले को आजमाकर लाभ उठाया है. दरअसल, पाकिस्तान ने साल 2016 में दुनिया भर की तेल कंपनियों से मोल-भाव करके नेचुरल गैस खरीदने की डील की थी. इस डील के तहत पाकिस्तान मौजूदा रेट की अपेक्षा सस्ती दर पर अगले 10 साल तक नेचुरल गैस खरीदेगा. इस डील में पाकिस्तान को 60 करोड़ डॉलर यानी करीब 4300 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि डील की यह तरकीब पहले भारत की मोदी सरकार ने अपना चुकी है. पाकिस्तान की सरकारी तेल कंपनी पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि नेचुरल गैस खरीदने की डील में पाकिस्तान को 60 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ है.

  1. पाकिस्तान ने नेचुरल गैस खरीदने की डील की
  2. भारत की देखा-देखी पाकिस्तान ने की यह डील
  3. भारत की तर्ज पर डील करने से पाकिस्तान को हुआ मोटा फायदा

ठीक एक साल पहले भारत ने की थी ऐसी डील
मालूम हो कि पाकिस्तान से ठीक एक साल पहले यानी साल 2015 में भारत सरकार ने ऐसी ही एक डील की थी. भारत की सरकारी कंपनी और सबसे बड़ी एलएनजी की इंपोर्टर पेट्रोनेट एलएनजी ने 2015 में कतर की सरकारी गैस प्रोड्यूसर कंपनी रासगैस के साथ एक डील की थी. इस डील में भारत को पहले की अपेक्षा आधी कीमत पर नेचुरल गैस की आपूर्ति हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा था कि इस डील से भारत को 8,000 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. इस डील के तहत भारत को साल 2028 तक इसी कीमत पर गैस मिलती रहेंगी.

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नेचुरल गैस क्या है?
नेचुरल गैस एक गैसियस ईंधन है जो कि 87-92% मीथेन और एक उच्च हाईड्रोकार्बन्स को कम प्रतिशत से मिलकर बनती है. पीएनजी, सीएनजी और एलएनजी प्राकृतिक गैसों के विभिन्न तापमान और दबाव के तहत विभिन्न रूप हैं. 

प्राकृतिक गैस को 160 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करके तरल अवस्था में लाया जा सकता है, जिससे कि यह गैसीय मात्रा के मुकाबले 1/600वे हिस्से में रखी जा सके और इसलिए इसे तरलीकृत प्राकृतिक गैस कहा जाता है, जिसे गैस परिवहन में कम जगह का इस्तेमाल करती है. सच तो यह है कि प्राकृतिक गैस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस बनाने की प्रक्रिया के दौरान बहुत सारी अशुद्धियां निकल जाती है. इसलिए एलएनजी, प्रकृतिक गैस का शुद्धतम रूप है. एलएनजी को इस उद्देश्य के लिए विषेष रूप से बनाए गये बड़े-बड़े विद्युत रोधित टैंको में संग्रहित किया जाता है.

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