रेलवे की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए : संसदीय समिति
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रेलवे की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए : संसदीय समिति

रेल बजट को इस वर्ष आम बजट के एक अंग के रूप में पेश किए जाने को ऐतिहासिक घटना बताने के साथ ही संसद की स्थायी समिति ने पुरजोर सिफारिश की है कि रेलवे की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए.

नई दिल्ली : रेल बजट को इस वर्ष आम बजट के एक अंग के रूप में पेश किए जाने को ऐतिहासिक घटना बताने के साथ ही संसद की स्थायी समिति ने पुरजोर सिफारिश की है कि रेलवे की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए.

रेल बजट को आम बजट में समाहित किए जाने की पृष्ठभूमि में रेल मंत्रालय की वर्ष 2017-18 की अनुदान मांगों पर संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अब रेलवे की नयी संगठनात्मक संरचना क्या होगी? रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति जानना चाहती है कि क्या रेल मंत्रालय का प्रमुख एक सचिव होगा या रेलवे बोर्ड बना रहेगा. समिति चाहती है कि रेलवे की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए.’ 

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑकवर्थ समिति की सिफारिशों के अनुसार 1924 से रेल बजट अलग से पेश किया जाता रहा है. रेल मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि 1924 में खातों के पृथक्करण के समय रेल बजट का आकार केंद्रीय बजट के आकार का लगभग आधा था और प्रतिकूल समय अथवा सूखे आदि के समय आम बजट की आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए रेल बजट में उल्लेखनीय कटौती से रेलवे की प्रगति की गति धीमी हो जाती थी.

इसलिए उस समय यह महसूस किया गया कि रेलवे को स्वतंत्र बजट के साथ एक वाणिज्यिक निकाय के रूप में कार्य करना चाहिए और आम बजट से निवेश की गयी पूंजी पर अपने आंतरिक लाभांश भुगतान द्वारा आम बजट में सहयोग देना चाहिए. उस समय रेलवे उसके निवेश से लाभ कमा रही थी. लेकिन इस समय परिदृश्य काफी बदल चुका है और कुल रेल बजट आम बजट का दस फीसदी से कम है और रक्षा मंत्रालय जैसे कुछ मंत्रालयों का बजट इससे अधिक है. इसलिए इस विलय के संबंध में चर्चा शुरू हुई.

समिति ने कहा है कि सभी मंत्रालयों में होने वाली बजट की 10.15 फीसदी की वित्तीय अथवा आर्थिक कटौती के रूप में वित्त मंत्रालय के हस्तक्षेप से अब तक स्वायत्त रहे रेलवे की स्वायत्तता सुनिश्चित की जानी चाहिए. सुदीप बंदोपाध्याय की अध्यक्षता वाली समिति ने साथ ही कहा है कि अब समय आ गया है कि रेलवे को संसाधन सृजन के क्षेत्र में सूझबूझ दिखाने तथा स्वयं वित्तीय निर्भरता प्राप्त करने अपनी वित्तीय दूरदर्शिता सिद्ध करने की जरूरत है.

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