युद्ध के भय से सुरक्षा पर समझौता नामुमकिन : पर्रिकर
Advertisement

युद्ध के भय से सुरक्षा पर समझौता नामुमकिन : पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच आज कहा कि भारत ‘निश्चित’ तौर पर शांति समर्थक है लेकिन वह कोई ‘कायर’ नहीं हैं जो युद्ध के भय से सुरक्षा पर समझौता करेंगे।

युद्ध के भय से सुरक्षा पर समझौता नामुमकिन : पर्रिकर

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच आज कहा कि भारत ‘निश्चित’ तौर पर शांति समर्थक है लेकिन वह कोई ‘कायर’ नहीं हैं जो युद्ध के भय से सुरक्षा पर समझौता करेंगे।

पर्रिकर ने यहां एक टीवी कार्यक्रम में कहा, ‘मैं बहुत ही स्पष्ट कह रहा हूं कि कई बार शांति किसी मजबूत देश द्वारा स्थापित की जाती है।’ अक्सर अधिक सैन्यशक्ति पर जोर देने वाले पर्रिकर ने कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।’ पर्रिकर ने कहा कि जब सीमा पर तनाव बढ़ता है, यदि दूसरे देश को अधिक क्षति भी होती है, भारतीय जवान भी जान गंवाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी जनहानि नहीं चाहता।

उन्होंने कहा कि हाल में भारत की ओर से नियंत्रण रेखा के पार किये गये लक्षित हमले ने पाकिस्तान के मन में ‘अनिश्चितता’ उत्पन्न की। रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने केवल ‘एक निर्णय लेने का श्रेय लिया’ और अभियान के लिए कभी श्रेय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि एलओसी पर सेना की कार्रवाई ने ‘दूसरे पक्ष’ को बातचीत के लिए मजबूर किया। इसके बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं कम हुईं।

भारतीय सेना द्वारा जबर्दस्त गोलीबारी के बाद पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशक ने भारत के सैन्य अभियानों के महानिदेशक से 23 नवम्बर को सम्पर्क किया था। बातचीत के बाद नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघनों की संख्या में खासी कमी आयी है। पर्रिकर ने कहा कि सैन्य आधुनिकीकरण पर उन्हें निजी तौर पर कई निर्णय लेने पड़े जो कि वर्षों से लंबित थे। इसके साथ ही इसके लिए जरूरी वित्तीय परिव्यय पर भी काम करना पड़ा।

Trending news