याचिकाकर्ता ने कहा, 'हाई स्टैंडर्ड मेंटेन करता हूं', SC बोला- 'हमारा भी स्टैंडर्ड है, याचिका खारिज'
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याचिकाकर्ता ने कहा, 'हाई स्टैंडर्ड मेंटेन करता हूं', SC बोला- 'हमारा भी स्टैंडर्ड है, याचिका खारिज'

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता को जजों के सामने खुद के बारे में बड़बोली दलीलें देना महंगा पड़ गया. सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामले में न केवल उस व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया, बल्कि उसे मामले को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई.

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो...

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता को जजों के सामने खुद के बारे में बड़बोली दलीलें देना महंगा पड़ गया. सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामले में न केवल उस व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया, बल्कि उसे मामले को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई. दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा के बीच मामले को लेकर हुई रोचक बातचीत से कोर्टरूम में मौजूद हर कोई हंसे बिना नहीं रह सका.

  1. रोचक बातचीत से कोर्टरूम में मौजूद हर कोई हंसे बिना नहीं रह सका.
  2. मेरे मुवक्किल ने हमेशा से ही हाई स्टैंडर्ड मेंटेन किया है- वकील
  3. हमने भी कुछ स्टैंडर्ड तय किए हुए हैं- SC

हुआ यूं कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने संबंधी मामले की सुनवाई चल रही थी. कर्मचारी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि 'उनके मुवक्किल को गलत तरीके से नौकरी से निकाला गया है, जबकि उनके मुवक्किल ने हमेशा से ही हाई स्टैंडर्ड मेंटेन किया है.'

इस पर जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि 'आपका हाई स्टैंडर्ड है. इसीलिए आपने हाईकोर्ट में 600 दिन की देरी से याचिका दायर की थी. इसी हाई स्टैंडर्ड को मेंटेन रखते हुए आप सुप्रीम कोर्ट में भी 200 दिन की देरी से पहुंचे. निश्चित तौर पर याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में देरी से आने के मामले में हाई स्टैंडर्ड है. मगर हमने भी कुछ स्टैंडर्ड तय किए हुए हैं. इसलिए आपकी याचिका को खारिज कर रहे हैं.'

जज की इस टिप्पणी से कोर्ट में मौजूद ज्यादातर लोग दबी जुबान में हंस पड़े. वकील ने कोर्ट से मामले में देरी से कोर्ट आने पर माफी मांगते हुए सुनवाई करने की अपील की. मगर कोर्ट ने उसकी अपील अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

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