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खूंटी (झारखंड): पर्यावरण एवं उर्जा संरक्षण की पूरजोर वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आज पूरी दुनिया के समक्ष जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती और मुसीबत के रूप में उभरा है और भारत दुनिया के पर्यावरण को ठीक करने के प्रयासों में सहभागिता करने को तैयार है। उन्होंने इस पहल को महात्मा गांधी के गरीबों को न्याय प्रदान करने की प्रतिबद्धता से जोड़ा ।
पेरिस में इस वर्ष जलवायु परिवर्तन पर आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन से पूर्व मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को आज दुनिया मुसिबत के तौर पर मानने लगी है लेकिन इस पाप के लिए भारत को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए । ’लेकिन यह किसी ने भी किया हो, गलती किसी की भी हो, भारत दुनिया के पर्यावरण को ठीक करने के प्रयासों में योगदान करने को तैयार है ।’
खूंटी में जिला न्यायालय एवं जिला प्रशासन के उपायुक्त कार्यालय को सौर उर्जा से उर्जान्वित करने के 180 किलोवाट के छोटे उर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने आए प्रधानमंत्री ने कहा कि महज 180 किलोवाट के सौर उर्जा संयंत्र के उद्घाटन करने यहां आने से मीडिया को कुछ मसाला मिल जायेगा क्योंकि हमारी सरकार ने देश में साल 2022 तक 175 गिगावाट नवीकरणीय उर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और मैं यहां पर 180 किलोवाट का सौर उर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने आया हूं । मोदी ने कहा कि आज महात्मा गांधी की जयंती है और वह उनकी प्रेरणा के मुख्य स्रोत रहे हैं ।
उन्होंने कहा, ‘ गांधीजी पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता तथा पारिस्थितिकी अनुकूल संसाधनों के सबसे बड़े हिमायती थे और उनकी जयंती के अवसर पर आज देश के पहले सौर उर्जा से संचालित जिला न्यायालय परिसर का उद्घाटन करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है।’