वैश्विक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में शामिल होने पेरिस पहुंचे पीएम मोदी
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वैश्विक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में शामिल होने पेरिस पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक सम्मेलन में शामिल होने के लिए शनिवार को पेरिस रवाना हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की एक बैठक की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे। मोदी ‘मिशन इनोवशन’ में भी शामिल होंगे जिसका आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा किया जा रहा है।

फोटा साभार-ANI

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक सम्मेलन में शामिल होने के लिए रविवार रात पेरिस पहुंचे। पेरिस पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट किया कि वह अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की एक बैठक की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे। मोदी ‘मिशन इनोवशन’ में भी शामिल होंगे जिसका आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा किया जा रहा है।

रवाना होने से पहले उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘पेरिस के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं सीओपी 21 में भाग लूंगा। शिखर सम्मेलन में हम पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’ मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘सीओपी 21 में भारत मंडप का उद्घाटन करूंगा जो प्रकृति, पर्यावरण के साथ भारत के लगाव और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए कटिबद्धता को दर्शाएगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की एक बैठक की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे।

मोदी ‘मिशन इनोवशन’ में भी शामिल होंगे जिसका आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा किया जा रहा है। अपनी रवानगी से पहले प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है। इस पर हर जगह चर्चाएं हो रही हैं और चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं..पृथ्वी का तापमान अब नहीं बढ़ना चाहिए। यह सबकी जिम्मेदारी और चिंता है।’ सबकी जिम्मेदारी पर उनके द्वारा जोर दिए जाने का इसलिए भी महत्व है क्योंकि विकसित दुनिया जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अधिक भार भारत जैसे विकासशील देशों पर डालने की कोशिश कर रही है।

भारत यह उल्लेख करता रहा है कि विकसित देश सदियों से बड़े प्रदूषक रहे हैं और उन्हें विकासशील देशों को धन मुहैया कराकर तथा कम कीमत पर प्रौद्योगिकी देकर ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। चुनिंदा देशों के समूह में शामिल होते हुए भारत ने कहा कि वह राष्ट्रमंडल में संवेदनशील देशों को 25 लाख डॉलर मुहैया कराएगा जिससे कि उन्हें स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिल सके।

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