भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क सैटेलाइट GSAT9 के प्रक्षेपण को ऐतिहासिक बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ एशिया संचार उपग्रह के सफल लॉन्चिंग के बाद 6 सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी जानकारी दी.
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नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क सैटेलाइट GSAT9 के प्रक्षेपण को ऐतिहासिक बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ एशिया संचार उपग्रह के सफल लॉन्चिंग के बाद 6 सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी जानकारी दी.
भारत की अंतरिक्ष कूटनीति के तहत तैयार हुई दक्षिण एशिया सैटेलाइट को इसरो ने शुक्रवार शाम को लॉन्च किया.50 मीटर ऊंचे रॉकेट के ज़रिए इस उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया.नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सार्क देशों के राष्ट्रप्रमुखों को इसकी जानकारी दी.
Historic day for South Asia. With this launch we have started a journey to build the most advanced frontier of our partnership: PM Modi pic.twitter.com/fwWQxA6TCJ
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
इन सार्क देशों में पाकिस्तान शामिल नहीं है.मोदी ने कहा कि इस सैटेलाइट से मौसम की अधिक विश्वसनीय भविष्यवाणी की जा सकेगी.450 करोड़ रुपए की लागत वाले 'साउथ एशिया सैटेलाइट' को मोदी ने सार्क देशों के लिए 'अनमोल तोहफ़ा' बताया.
और पढ़ें :भारत की बड़ी छलांग:साउथ एशिया सैटेलाइट लांच, सार्क देशों को भारत का गिफ्ट
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने दो साल पहले जो वादा किया था, उसे पूरा किया है. पीएम मोदी ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों के साथ उपग्रह के सफल लॉन्चिंग की जानकारी साझा की.
पीएम मोदी ने कहा, 'हमने 2 साल पहले वादा किया था, आज उसे पूरा किया. यह दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग की बड़ी शुरुआत है. इससे दक्षिण एशिया की करीब डेढ़ अरब आबादी को कई फायदा होगा.' उन्होंने कहा, 'इस सफल लॉन्चिंग का जश्न मनाने के लिए हम यहां हैं. हमें आगे भी ऐसे ही प्रयास करने की जरूरत है. अडवांस स्पेस टेक्नॉलजी से दक्षिण एशिया के लोगों को काफी जानकारी मिलेगी.'
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट..9 को एसएएस रोड पिग्गीबैक कहा जाता है जिसे 50 मीटर लंबे रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन वाले जीएसएलवी से प्रक्षेपित किया गया है.
आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी..एफ09 को शाम चार बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और इसे जीसैट..9 से कक्षा में स्थापित किया गया.
Even sky is not limit whn it comes to regional cooperation.Sabka Saath, Sabka Vikas can be guiding light for action&cooperation in region:PM pic.twitter.com/hUEFfMezbh
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
प्रक्षेपण की सफलता की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘दक्षिण एशियाई उपग्रह का सफल प्रक्षेपण ऐतिहासिक क्षण है. इससे समझौते के नये आयाम खुलेंगे. इससे दक्षिण एशिया और हमारे क्षेत्र को काफी लाभ मिलेगा.’जीएसएलवी..एफ09 मिशन जीएसएलवी की 11वीं उड़ान है.
उन्होंने कहा, 'दक्षिण एशिया संचार उपग्रह के लॉन्च से असरदार संचार व्यवस्था, बेहतर बैंकिंग सर्विस, मौसम का अनुमान, मेडिकल सुविधा के लिए टेलिमेडिसिन आदि फायदे मिल सकते हैं.' उन्होंने साथ ही इस उपग्रह को लॉन्च करने वाले इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई भी दी. उन्होने कहा, 'हमारा लक्ष्य 'सबका साथ सबका विकास' है. यह उपग्रह क्षेत्र में विकास और शांति लाएगा. इससे सहयोग बढ़ेगा. विनाश नहीं विकास आएगा. गरीबी नहीं संपन्नता बढ़ेगी.'इस अवसर पर 6 अन्य देशों के हेड ऑफ स्टेट ने भी भारत और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.
This will be helpful to provide communication services in mountain &hilly regions of Nepal: Nepal PM Pushpa Kamal Dahal #SouthAsiaSatellite pic.twitter.com/ov51O5G2QF
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, 'क्षेत्रीय सहयोग के लिए भारत के इस प्रयास की तारीफ होनी चाहिए. गरीबों और वंचितों के लिए काम करना जरूरी है. साथ रहकर हम विकास कर सकते हैं. इस उपग्रह से प्रकृति को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. अब जमीन से ही नहीं बल्कि आसमान से भी ज्यादा सहयोग बढ़ेगा.'
The gap between talk&action is bridged today,the imperative of regional cooperation is changed to the reality: Afghan President Ashraf Ghani pic.twitter.com/n7Cyun2y8a
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस शानदार लॉन्चिंग के लिए भारत को बधाई दी. उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र के विकास और टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर होगा. संचार सेवा के लिए भी यह उपग्रह बेहतरीन होगा.'
श्रीलंका के राष्ट्रपति एम सिरीसेना ने भी कहा, 'यह लॉन्च सभी सार्क देशों के लिए फायदेमंद होगा. शिक्षा, पर्यावरण, मौसम अनुमान के लिए लाभदायक होगा. यह क्षेत्र के लोगों को अच्छा जीवन देगा.'
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ' इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे. इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा. लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा.'
The launch of this satellite will boost regional cooperation & bring about common progress of our region: Bhutan PM Tshering Tobgay pic.twitter.com/TtsVsWGotf
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, 'दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है. यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है. भारत को इसके लिए बधाई. आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है. सैटलाइट बेस्ट संचार अब जरूरी हो गया है. हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा. यह भूटान जैसे देश के लिए काफी अहम होगा.'
I congratulate government of India. Hope this will open a new horizon of cooperation in the region: Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina pic.twitter.com/ALnlc0IM2Y
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
मालदीव के राष्ट्रपति यमीन अब्दुल गयूम ने कहा, 'दक्षिण एशिया में यह 'सबका साथ सबका विकास' है. यह सैटलाइट इस क्षेत्र के लिए काफी अहम होगा. यह पीएम मोदी का शानदार विजन है. इससे क्षेत्र के जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा.'
Launching of #SouthAsiaSatellite signifies India's neighbourhood first policy: Abdulla Yameen, Maldives President pic.twitter.com/VOJbiZ8VVN
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
बता दें कि इस सैटेलाइट की मदद से प्राकृतिक संसाधनों की मैपिंग की जा सकेगी, टेली मेडिसिन, शिक्षा में सहयोग बढ़ेगा. भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सुनामी की दशा में संवाद-लिंक का माध्यम होगी. यह अंतरिक्ष आधारित टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल में मदद करेगा. इसमें भागीदारी देशों के बीच हॉटलाइन उपलब्ध करवाने की भी क्षमता है.