सबको मुफ्त में मिलेगी वैक्‍सीन, नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को मिलेगा मुफ्त अनाज: PM मोदी
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सबको मुफ्त में मिलेगी वैक्‍सीन, नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को मिलेगा मुफ्त अनाज: PM मोदी

PM Narendra Modi address to nation: कोरोना संकट काल (Coronavirus Pandemic) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है योग दिवस से देश के 18+ वाले हर व्यक्ति को भारत सरकार मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी यानी अब राज्यों को वैक्सीन प्रबंध की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित (PM Narendra Modi address to nation) करते हुए दो बड़े ऐलान किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला बड़ा ऐलान करते हुए कहा, भारत सरकार देश के 18+ वाले हर व्यक्ति को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी. यानी 25 फीसदी वैक्सीन का प्रबंध करने की जिम्मेदारी से भी राज्यों को मुक्त कर दिया गया है. वैक्सीनेशन की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार उठाएगी. लोग प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सीन लगवा सकेंगे, अस्पताल 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. 25 प्रतिशत वैक्सीन प्राइवेट अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से खरीद सकेंगे. इसके अलावा पीएम ने दूसरी बड़ा ऐलान करते हुए कहा, पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को नवंबर तक मुफ्त राशन दिया जाएगा.

दूसरी लहर से लड़ाई जारी

राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर और दूसरी लहर से भारतवासियों की लड़ाई जारी है.  भारत इस महामारी के दौरान बहुत दुःख से गुजरा है. भारत ने बहुत से अपने परिजनों को खोया है. ऐसे परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदना है. बीती 1 वर्षों में यह सबसे बड़ी महामारी है. कोरोना से लड़ने के लिए देश में एक नया हेल्थ स्ट्र्क्चर बनाया गया है. अप्रैल और मई में ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई. लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई 10 गुना से ज्यादा बढ़ाई गई. देश के हर कौने से जो कुछ भी उपलब्ध हो सकता था वो लाया गया.

अदृश्य 'दुश्मन' के खिलाफ लड़ाई

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना जैसे अदृश्य रूप बदलने वाले 'दुश्मन' के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार कोविड प्रोटोकॉल है. वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो भारत में क्या होता. आप पिछले 50-60 साल का देखेंगे तो पता चल जायेगा की दशकों लग जाते थे. पोलियो और हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन बनाने में भी दशकों लग गए. जिस तरह टीकाकरण चल रहा था 2014 में अगर वैसे चलता तो 40 साल लग जाते, हमने मिशन इंद्रधनुष के तहत लोगों को वैक्सीन देने का कार्य किया और सिर्फ 5 साल में में ही वैक्सीनेशन 60 प्रतिशत से बढ़ कर 90 हो गया.

एक साल में 2 स्वदेशी वैक्सीन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए भारत में टीके बनवाए. उन्होंने कहा, हमें गरीबों की चिंता थी और भारत की चिंता थी. उन्होंने कहा, जब हम शत प्रतिशत टीका के लिए बढ़े तो कोरोना ने हमें घेर लिया. भारत ने 1 साल के अंदर एक नहीं 2 मेड इन इंडिया वैक्सीन बनाकर दिखा दिया कि भारत अब पीछे नहीं है. 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जी चुकी हैं.

कई मोर्चों पर एक साथ लड़े

पीएम मोदी ने कहा, वैश्विक महामारी के खिलाफ कई मोर्चों पर हमारा देश एक साथ लड़ा. भारत के इतिहास में कभी भी इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी. सरकार के सभी तंत्र लगे. दुनिया भर से जो कुछ भी उपलब्ध कराया जा सकता था लाया गया. जरूरी दवाओं का प्रोडक्शन बढ़ाया गया.

और वैक्सीन मिलेंगी देश को

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले काफी समय से देश जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है उससे वैक्सीन की सप्लाई बढ़ने वाली है. आज देश में 7 कंपनियां वैक्सीन सप्लाई कर रही हैं.  2 और वैक्सीन का ट्रायल तेजी से चल रहा है. देश में एक Nasal vaccine की तैयारी चल रही है. देश को अगर इस वैक्सीन से सफलत मिलती है तो और ज्यादा सफलता मिलेगी.

वैक्सीनेशन और लॉकडाउन पर उठाए थे सवाल

पिछली बार देश में लगाए गए लॉकडाउन और वैक्सीनेशन के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद मिले सुझाव के बाद ही हर फैसला लिया लेकिन कई बार ये आवाज उठी कि सभी अधिकार केंद्र को क्यों? कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि बुजुर्गों को पहले वैक्सीनेशन क्यों? हमने जिनको ज्यादा खतरा है उनको पहले वैक्सीन लगवाया. सोचिए, 
अगर कोरोना की दूसरी लहर से पहले अगर हम डॉक्टर को वैक्सीन नहीं लगाते तो क्या होता? ज्यादा से जयादा हेल्थ वर्कर को टीका लगा इसीलिए वो ज्यादा से ज्यादा देश के लोगों को बचा पाए.

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लॉकडाउन आखिरी विकल्प

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दूसरी लहर के दौरान इससे पूर्व 20 अप्रैल को राष्ट्र को संबोधित किया था. उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से लॉकडाउन को आखिरी विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने की अपील की थी. हालांकि, लगातार बढ़ रहे मामलों और ऑक्सीजन संकट, आईसीयू बेडों की कमी आदि के कारण राज्यों को आंशिक लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ा. 

मई के आखिरी दिनों से हालात काबू में

मई के आखिरी दिनों से देश में कोरोना के मामले कंट्रोल होते दिखे हैं. अब अस्पतालों में आईसीयू बेडों को लेकर पहले की तरह मारामारी नहीं है. पहले जहां देश में तीन से चार लाख रोज केस आते थे, अब घटकर करीब एक लाख केस डेली आ रहे हैं. सोमवार को कोरोना के कुल 1,00,636 नए मामले दर्ज हुए. इस वक्त देश में 2,89,09,975 लोग संक्रमित हो चुके हैं.

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