दुनिया, भारत को नेतृत्व करते देखना चाहती है, देश को उम्मीदों पर खरा उतरना होगा: पीएम
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दुनिया, भारत को नेतृत्व करते देखना चाहती है, देश को उम्मीदों पर खरा उतरना होगा: पीएम

पीएम ने कहा,‘ ऐसे में हम कितनी ही पहल करे, कितनी ही योजनाएं बनाए, बजट दे लेकिन किसी भी पहल की सफलता लोगों की भागीदारी में निहित है . ’ 

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि स्वच्छ भारत अभियान के प्रतीक से जुड़ा चश्मा भी महात्मा गांधी का है और इसकी दृष्टि भी गांधी की ही है . (फोटो साभार - IANS)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती बल्कि उम्मीद करती है कि वह दुनिया का नेतृत्व करे और देश को दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा . 

प्रधानमंत्री ने ‘सेल्फ4सोसाइटी’ मंच के जरिए आईटी पेशेवरों एवं विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को टाउनहॉल संबोधन में कहा कि रामायण में इस बात का उल्लेख है कि किस प्रकार एक गिलहरी ने रामसेतु के निर्माण में योगदान दिया था . इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि भगवान को भी एक गिलहरी के योगदान की जरूरत पड़ी . 

'किसी भी पहल की सफलता लोगों की भागीदारी में निहित है' 
उन्होंने कहा,‘ ऐसे में हम कितनी ही पहल करे, कितनी ही योजनाएं बनाए, बजट दे लेकिन किसी भी पहल की सफलता लोगों की भागीदारी में निहित है . ’ पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया भी अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती, हिन्दुस्तान दुनिया को लीड करे इस अपेक्षा के साथ देख रही है . हमें दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है.’

स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में एक पेशेवर के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि स्वच्छ भारत अभियान के प्रतीक से जुड़ा चश्मा भी महात्मा गांधी का है और इसकी दृष्टि भी गांधी की ही है . उन्होंने कहा कि वह तो एक तरह से प्रायश्चित कर रहे हैं, स्वच्छता का जो कार्य चल रहा है, वह सेवा से ज्यादा प्रायश्चित है .

पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्षो तक अपने आप को देश की आजादी के लिए खपा दिया . उन्होंने अपने नेतृत्व से देश के लिए स्वतंत्रता तो प्राप्त की लेकिन स्वच्छता हासिल नहीं हो पाई . उन्होंने कहा कि हम सभी इसके लिये जिम्मेदार हैं . ऐसे में वह एक बार फिर जोर देना चाहते हैं कि स्वच्छता गांधी की सोच है . उन्होंने कहा कि गांव में महिलाओं को जब खुले में शौच के लिये जाना पड़ता है तो उन्हें बहुत पीड़ा होती है . 

'स्वच्छता का विषय संस्कार से जुड़ा है'
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ काम सरकार नहीं कर सकती और जो काम सरकार नहीं कर सकती, वह संस्कार कर सकते हैं . स्वच्छता का विषय संस्कार से जुड़ा है . ऐसे में सरकार एवं संस्कार मिल जाए तो चमत्कार हो सकता है . उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया से जुड़े व्यक्ति हैं लेकिन जो सूचना परोसी जाती है, वे उसका शिकार नहीं होते हैं . जो सूचना उन्हें चाहिए वे उसे ढूंढकर प्राप्त करते हैं . 

पीएम मोदी ने कहा कि आज 25 से 40 वर्ष के बीच की जो पीढ़ी है, उसमें सहज भाव से काम करने की प्रेरणा है . इसमें सामुहिकता का भाव जुड़ जाए तो ताकत बनकर उभरती है. इसे एक मिशन से जोड़ लें तो परिवर्तन आना शुरू हो जाता है . प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तकदीर तकनीक में है और जो प्रौद्योगिकी युवाओं के पास है, वह भारत की तकदीर से जुड़ा है . 

उन्होंने ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल के संदर्भ में कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि ‘मैं’ को खत्म कर रहे हैं बल्कि ‘मैं’ का विस्तार है . इसका आशय स्व से समष्टि की ओर बढना है क्योंकि आखिर वृहद परिवार में आनंद का अनुभव होता है . 

पीएम मोदी ने कहा कि वह देखते हैं कि भारत के युवा प्रौद्योगिकी का शानदार ढंग से उपयोग कर रहा है और वह इसका न केवल अपने लिए कर रहे हैं बल्कि दूसरों के लिये भी कर रहे हैं . ‘मैं इसे शानदार संकेत के रूप में देखता हूं .’ उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास छोटा हो या बड़ा हो, उसे महत्व दिया जाना चाहिए . 

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा सकता है, युवाओं को हमारे उद्यम और किसानों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए . उन्होंने यह भी कहा कि आज अधिक लोग कर चुका रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि उनके पैसे का उपयोग ठीक से और लोगों के कल्याण के लिए किया जा रहा है .

(इनपुट - भाषा)

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