प्रधानमंत्री मोदी ने शिव की 112 फुट उंची प्रतिमा का अनावरण किया, देखें VIDEO
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प्रधानमंत्री मोदी ने शिव की 112 फुट उंची प्रतिमा का अनावरण किया, देखें VIDEO

योग की प्राचीन भारतीय विद्या की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रकृति के संरक्षण के प्रयासों का आह्वान किया और कहा कि मानव गतिविधियों को इस तरह ढालना चाहिए ताकि वे पारस्थितिकीय परिवेश के अनुकूल हो सकें। मोदी ने विविधता में एकता को भारतीय संस्कृति की विशेषता और मजबूती करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने शिव की 112 फुट उंची प्रतिमा का अनावरण किया, देखें VIDEO

कोयंबटूर: योग की प्राचीन भारतीय विद्या की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रकृति के संरक्षण के प्रयासों का आह्वान किया और कहा कि मानव गतिविधियों को इस तरह ढालना चाहिए ताकि वे पारस्थितिकीय परिवेश के अनुकूल हो सकें। मोदी ने विविधता में एकता को भारतीय संस्कृति की विशेषता और मजबूती करार दिया।

यहां ईशा योग फाउंडेशन में ‘आदियोगी’ भगवान शिव की 112 फुट उंची आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘यह (महाशिवरात्रि का पर्व) सतर्कता की इस भावना को दर्शाता है कि हमें प्रकृति का संरक्षण करना है और अपनी गतिविधियों को इस तरह ढालना है ताकि वे पारस्थितिकीय परिवेश के अनुकूल हो सकें।’

शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की जरूरत बताते हुए मोदी ने कहा, ‘भगवान शिव हर जगह हैं।’ उन्होंने भगवान शिव के वाहन बैल और शिव के पुत्र गणपति एवं कार्तिक के वाहन मोर और चूहे का जिक्र किया । उन्होंने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का महत्व बताने के लिए शिव की गर्दन में लिपटे वासुकी नाम के जहरीले सांप का भी जिक्र किया। मोदी ने लोगों से कहा कि वह एकजुट रहें, क्योंकि विविधता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है।

योग की प्राचीन विद्या की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि ‘योग करने से एकात्मक की भावना पैदा होती है । मस्तिष्क, शरीर एवं बुद्धिमता के एकात्म, हमारे परिवारों और समाजों का एकात्म, साथ रहने वाले मनुष्यों, पशु-पक्षियों और वृक्षों के साथ एकात्म।’ इस बीच, विभिन्न संगठनों के करीब 500 लोगों को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की कोशिश की।

पुलिस ने कहा कि मोदी जब एक हेलीकॉप्टर से प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में जा रहे थे उस वक्त कुछ प्रदर्शनकारियों ने काले गुब्बारे भी हवा में छोड़े । प्रदर्शनकारियों ने प्रतिमा के निर्माण के लिए आदिवासियों की जमीन कथित तौर पर अतिक्रमित करने के लिए ईशा योग के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और किसानों के हितों की रक्षा नहीं करने को लेकर मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की। यहां एक तहसीलदार कार्यालय के सामने किए गए प्रदर्शन में उन्होंने केरल द्वारा भवानी नदी पर चेक डैमों का निर्माण कार्य रोकने की खातिर केंद्र के दखल की मांग भी की।

द्रविड़ कड़गम, टीपीडीके, टीएमसी, एमडीएमके, वीसीके, आरवाईएफ, एसडीपीआई और फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु फार्मर्स असोसिएशन सहित कई संगठनों के करीब 500 कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।पुलिस ने कहा कि इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

हमारे लिए अनेकता संघर्ष का कारक नहीं बल्कि विशेषता है:प्रधानमंत्री मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबतूर में कहा कि अनेकता हमारे लिए संघर्ष का कारक नहीं बल्कि हमारी संस्कृति की विशेषता है।

ईशा योग फाउंडेशन में भगवान शिव की 112 फुट उंची प्रतिमा के अनावरण के बाद उन्होंने कहा, ‘अनेकता हमारे लिए संघर्ष की बात नहीं है। हम इसे स्वीकार करते हैं और तहे दिल से गले लगाते हैं..यह हमारी संस्कृति की विशेषता है।’ भगवान शिव को एकता का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देवी पार्वती और भगवान शिव एकसाथ हैं।

उन्होंने कहा, ‘शिव के गले में सांप है। गणेश का वाहन मूषक है। संदेश ये है कि वे साथ रहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने उसी एकता को दिखलाते हुए कहा कि कार्तिकेय का वाहन मोर और सांप एकसाथ रहते हैं, जबकि दोनों एक-दूसरे के शत्रु होते हैं। मोदी ने भगवान शिव के परिवार में अनेकता के बावजूद ‘सद्भाव और एकता के जीवंत भाव’ पर बल दिया।

महाशिवरात्रि के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह अंधकार और अन्याय पर काबू पाने के लक्ष्य के साथ देवत्य के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘भारत में अद्भुत विविधता है। इसकी विविधता को देखा, सुना, महसूस, छुआ और परखा जा सकता है। विविधता भारत की सबसे बड़ी ताकत है।’

योग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि योग ऐसा उत्प्रेरक है जो आदमी को जीव से शिव की तरफ ले जाता है। उन्होंने कहा कि योग करते हुए एकता का भाव उत्पन्न होता है।

उन्होंने कहा कि हम करूणा, दया, भाईचारा और सद्भाव के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इन्हीं विशेषताओं ने भारतीय संस्कृति की सदियों से जीवित रखा है। नये विचारों के लिए हमारा दिमाग हमेशा खुला होना चाहिए।’ महिला सशक्तीकरण के बारे में मोदी ने कहा कि जल्द ही मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं बल्कि महिलाओं की अगुवाई वाले विकास का रह जाएगा।

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