'राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए शरद पवार को मोदी सरकार में शामिल होना चाहिए'
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'राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए शरद पवार को मोदी सरकार में शामिल होना चाहिए'

 राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी धड़े की ओर से इससे पहले पवार के नाम पर चर्चा किये जाने की पृष्ठभूमि में अठावले की यह टिप्पणी सामने आयी है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार की फाइल फोटो.

ठाणे: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी स्थिति रखते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के इच्छा रखते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो जाना चाहिए. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी धड़े की ओर से इससे पहले पवार के नाम पर चर्चा किये जाने की पृष्ठभूमि में अठावले की यह टिप्पणी सामने आयी है. अठावले ने बीती रात ठाणे में यह टिप्पणी की थी और बीते सप्ताह उन्होंने नागपुर में भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी की थी.

बहरहाल, महाराष्ट्र के दिग्गज नेता पवार ने कहा था कि वह चुनाव (राष्ट्रपति चुनाव) नहीं लड़ेंगे. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री अठावले से जब संवाददाताओं ने यहां पूछा कि अगला राष्ट्रपति किसे होना चाहिए, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह फैसला तो राजग पर निर्भर करता है. अगर पवार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं तो उन्हें राजग में शामिल हो जाना चाहिए.’ 

उन्होंने यह भी कहा कि पवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मधुर संबंध हैं. भाजपा की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख ने कहा, ‘अगर कोई मराठी मानुष राष्ट्रपति बनता है तो (मुझे) खुशी होगी.’ एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पवार विपक्षी दलों के उम्मीदवार नहीं बन सकते. शनिवार (27 मई) को नागपुर में संवाददाताओं के साथ बातचीत में अठावले ने कहा था, ‘केवल राजग उम्मीदवार चुनाव (राष्ट्रपति) जीतेगा. पवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मधुर संबंध हैं और उन्हें अपनी उम्मीदवारी को लेकर प्रधानमंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से चर्चा करनी चाहिए.’ 

उन्होंने कहा, ‘अगर वह राजग की ओर से नामांकित उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें तों हम उनका सहयोग करेंगे लेकिन उन्हें संप्रग उम्मीदवार के तौर पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.’ महाराष्ट्र के मंत्री दिलीप कांबले की पत्रकारों के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी से उपजे विवाद पर अठावले ने कहा, ‘पत्रकार हमारे मित्र हैं. उन्हें सवाल पूछने का हक है.’ हिंगोली में बीते सप्ताह एक कार्यक्रम में राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री कांबले ने कहा था, ‘पत्रकार पैसे के लिये कुछ भी लिख सकते हैं और उनकी जूतों से पिटाई करनी चाहिए.’

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