कोविंद के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने पर कानपुर के दयानंद विहार में जश्न का माहौल
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कोविंद के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने पर कानपुर के दयानंद विहार में जश्न का माहौल

सोमवार शाम रामनाथ कोविंद पटना से दिल्ली पहुंचे.

कानपुर. कानपुर के कल्याणपुर स्थित महर्षि दयानंद विहार कालोनी में जश्न का माहौल है. शहर के नक्शे पर कोई खास पहचान ना रखने वाले इस इलाके के लोग अपने पड़ोसी रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद खुशियां मना रहे हैं. 

दयानंद विहार में ही है कोविंद का घर

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिल्ली में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर कोविंद का नाम घोषित किए जाने के साथ ही दयानन्द विहार कालोनी के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई. कोविंद का एक घर इसी कालोनी में है. बड़ी संख्या में लोग अपने पड़ोसी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद सड़कों पर ढोल-नगाड़े बजाने उतर पड़े और उन्होंने जमकर पटाखे भी जलाए.

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'सादा जीवन जीने में विश्वास रखते हैं कोविंद'

साल 1996 से 2008 तक कोविंद के जनसंपर्क अधिकारी रहे अशोक द्विवेदी ने को बताया कि बेहद सामान्य पृष्ठभूमि वाले कोविंद अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर इस बुलंदी तक पहुंचे हैं.कोविंद की पसंदगी के बारे में द्विवेदी ने बताया कि वह अन्तर्मुखी स्वभाव के हैं और सादा जीवन जीने में विश्वास करते हैं. उन्हें सादा भोजन पसंद है और मिठाई से परहेज करते हैं. वह लगातार उनके संपर्क में हैं और वर्ष 2012 में उनकी पत्नी के निधन पर वह उनके घर आए थे.

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'कोविंद को है देश से प्यार'

कोविंद के घर में स्थित मकान के सर्वेंट क्वार्टर में रहकर मकान की देखभाल करने वाली कुसुमा राठौर का कहना है कि कोविंद को अपने वतन से बहुत प्यार है और बिहार का राज्यपाल बनने के बाद भी वह समय निकालकर कानपुर जरूर आते हैं.

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बहुत खुश हैं कोविंद के पड़ोसी

कोविंद के पड़ोसी देवेंद्र जुनेजा ने उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए और उन सभी के लिए खास दिन है, जो कोविंद जी को निजी तौर पर जानते हैं. वह जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं और अपने आसपास रहने वाले लोगों की हमेशा फिक्र करते हैं.' कानपुर देहात स्थित कोविंद के पैतृक गांव परौख में दीवाली जैसा माहौल है. कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद गांव के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटकर और पटाखे दगाकर खुशियां मनाईं.

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'हमारे लिए गर्व की बात' 

कोविंद की भांजी और पेशे से शिक्षिका हेमलता ने कहा, 'हम उनसे करीब 10 दिन पहले पटना में मिले थे, तब तक हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के प्रत्याशी बनेंगे. यह हमारे लिए गर्व की बात है.'

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