मॉनसून में उमस बढ़ने से त्वचा का संक्रमण एक आम समस्या है। एक विशेषज्ञ का कहना है कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए निजी साफ-सफाई का ध्यान रखें और फंगस रोधी सौंदर्य उत्पादों का प्रयोग करें।
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नई दिल्ली: मॉनसून में उमस बढ़ने से त्वचा का संक्रमण एक आम समस्या है। एक विशेषज्ञ का कहना है कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए निजी साफ-सफाई का ध्यान रखें और फंगस रोधी सौंदर्य उत्पादों का प्रयोग करें।
त्वचा के रोगों से बचने के कुछ उपाय बताए हैं :-
घमौरियां : घमौरी में लाल रंग के दाने निकल आते हैं। यह पसीने की वजह से होती है, जिससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं।
उपचार : घमौरी में अगर खुजली करने से संक्रमण न हुआ हो, तो यह कुछ दिनों में ही छू हो जाती है। घमौरी को दूर रखने के लिए ढीले-ढाले सूती और सन के कप़डे पहनें। खुजली को शांत करने के लिए कैलेमाइन लोशन मददगार हो सकता है।
नाखून संक्रमण : मानसून के दौरान नाखून में फंगस संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होता है। नाखून बदरंग, कांतिहीन और खुरदरे हो जाते हैं। बरसात में नाखून बढ़ाने नहीं चाहिए, क्योंकि बढ़े हुए नाखून गंदगी को न्योता देते हैं, जिससे कवकीय संक्रमण होता है।
उपचार : फंगस रोधी क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करें।
सोरायसिस (त्वचा रोग) : इस रोग में त्वचा पर लाल चकत्ते प़डने शुरू हो जाते हैं।
उपचार : बरसात में होने वाले रोगों के लिए ऎलोवेरा लाभकारी होता है। चने के आटे, गुलाब जल और दूध के मिश्रण से बना लेप जैसे घरेलू उपचार अपनाएं। बैक्टीरिया रोधी साबुन, पाउडर और फेसवॉश का इस्तेमाल करें।
पैरों में दाद पडना : यह समस्या आमतौर पर गीले या तंग जूते पहनने से होती है।
उपचार : मानसून में प्लास्टिक, चम़डे या अन्य सख्त सतह वाले जूते नहीं पहनने चाहिए। इनकी बजाय चप्पल या फ्लिप-फ्लॉप पहनें। साफ-सुथरी सूती जुराब पहनें और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।