राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय : सूत्र
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राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय : सूत्र

संसद के बजट सत्र की शुरुआत पर छुट्टी पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पद में पदोन्नति होनी तय मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो राहुल को इस साल के आखिर में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।

राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय : सूत्र

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र की शुरुआत पर छुट्टी पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पद में पदोन्नति होनी तय मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो राहुल को इस साल के आखिर में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।

अभी यह तो स्पष्ट नहीं है कि राहुल को बड़ी जिम्मेदारी की घोषणा अप्रैल के पहले हफ्ते में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन में होगी या नहीं, लेकिन पार्टी सूत्र इस साल अंतत: कांग्रेस उपाध्यक्ष के पार्टी के सबसे बड़े पद पर पहुंचने की संभावना को खारिज नहीं करते।

कांग्रेस में सोनिया गांधी सबसे अधिक समय तक पार्टी अध्यक्ष रही हैं। उन्होंने 1998 में सीताराम केसरी से यह जिम्मेदारी ली थी और तब से अभी तक पार्टी की कमान संभाल रहीं हैं।

उनके नेतृत्व में कांग्रेस 1999 के आम चुनावों में भाजपा नीत राजग के आगे हार गयी थी लेकिन 2004 के चुनाव में वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन बनाकर सत्ता में आई।

राहुल गांधी को जनवरी, 2013 में जयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में महासचिव से उपाध्यक्ष बनाया गया था। पिछले साल लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाकर उन्हें एक तरह से पार्टी का चेहरा बनाकर पेश किया गया था।

राहुल के पार्टी उपाध्यक्ष बनने से पहले और बाद में पार्टी की पराजय के दौर के बावजूद उन्हें पार्टी के शीर्ष पद का स्वाभाविक दावेदार समझा जाता है क्योंकि वह कांग्रेस के प्रथम परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

राहुल के पार्टी अध्यक्ष बनने को लेकर अटकलें जोर पकड़ रहीं हैं लेकिन पार्टी के आला नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। एक वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी से जब एआईसीसी के अधिवेशन में राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘एक दो दिन इंतजार कीजिए। अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन मैं कोई संभावना खारिज नहीं कर सकता। अंतत: एक निर्णय तो होना ही है।’

राहुल के अचानक छुट्टी पर चले जाने को पार्टी में उनके कुछ फैसलों के अमल में नहीं लाये जाने के चलते नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। उनके करीबी सूत्र कहते हैं कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि राहुल पार्टी में जो चाहते हैं, वह कराते हैं।

इस बीच, नौ बार से लोकसभा के सदस्य कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी जानी चाहिए। एक पार्टी में दो नीति निर्माता इकाइयां नहीं हो सकतीं। उन्होंने गुरुवार को साक्षात्कारों में कहा कि राहुल को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए क्योंकि मौजूदा हालात में लगता है कि राहुल या सोनिया में से कोई काम नहीं कर रहा।

कमलनाथ ने कहा, ‘सोनिया गांधी सोचती हैं कि राहुल गांधी कुछ कर रहे हैं और राहुल सोचते हैं कि सोनिया कुछ कर रहीं हैं। ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि कमान राहुल के हाथ में हो।’ अप्रैल में कांग्रेस का सत्र बेंगलूरू या शिमला में हो सकता है जिसमें पार्टी को संकट से उबारने के तरीकों पर विचार होगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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