उज्जैन-वाराणसी के बीच चलेगी महाकाल एक्सप्रेस, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने की घोषणा
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उज्जैन-वाराणसी के बीच चलेगी महाकाल एक्सप्रेस, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने की घोषणा

महाकाल एक्सप्रेस देश के दो प्रमुख ज्योर्तिलिंगों, उज्जैन के महाकाल और काशी के विश्वनाथ को जोड़ेगी.

उज्जैन-वाराणसी के बीच चलेगी महाकाल एक्सप्रेस, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने की घोषणा

उज्जैन: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से उज्जैन और काशी में स्थित दो ज्योर्तिलिंगों को परस्पर जोड़ने के लिए उज्जैन से काशी (वाराणसी) के बीच महाकाल एक्सप्रेस के नाम से एक नई ट्रेन चलाने की घोषणा शनिवार को की. गोयल ने फतेहाबाद से उज्जैन के बीच मीटर गेज को ब्राड गेज में परिवर्तित करने की परियोजना का भी शिलान्यस किया. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे.

  1. हालांकि रेल मंत्री ने इस नई ट्रेन के शुरू होने की तिथि नहीं बताई
  2. रणथंभौर एक्सप्रेस का महिदपुर में होगा स्टॉपेज
  3. भोपाल-इन्दौर के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस कालापीपल में रुकेगी
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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए गोयल ने कहा, "उज्जैन और काशी (वाराणसी) के बीच चलने वाली ट्रेन महाकाल एक्सप्रेस देश के दो प्रमुख ज्योर्तिलिंगों, उज्जैन के महाकाल और काशी के विश्वनाथ को जोड़ेगी." हालांकि रेल मंत्री ने इस नई ट्रेन के शुरू होने की तिथि, आदि की कोई जानकारी नहीं दी.

अन्य स्थानीय मांगों के संदर्भ में उन्होंने जोधपुर-इन्दौर के बीच चलने वाली रणथंभौर एक्सप्रेस को महिदपुर में और भोपाल-इन्दौर के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस के कालापीपल में ठहराव की भी घोषणा की. उन्होंने महू-रतलाम के बीच चलने वाली पैंसेजर ट्रेन में 8 कोच से बढ़ाकर 12 कोच करने की भी मांग स्वीकार की. इसके साथ ही महाजन की मांग पर ग्वालियर-भिण्ड-इन्दौर ट्रेन का विस्तार रतलाम तक करने भी घोषणा की.

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए रेलमंत्री गोयल का धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे प्रदेश के विकास को नई दिशा मिलेगी. कार्यक्रम के बाद गोयल, उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर गए और वहां पूजा-अर्चना की.

'ठहराव के समय में कटौती करके चलाई जा सकती हैं 100 से ज्यादा नई ट्रेनें'  
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनके विभाग की ओर से एक विश्लेषण किया गया है जिसमें पाया गया है कि‘‘ लेओवर टाइम’’ में कटौती करके छोटे मार्गों पर 100 से ज्यादा नई ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. ‘लेओवर टाइम’ को किसी ट्रेन के अपने प्रारंभिक स्टेशन से रवाना होने से पहले या अंतिम स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसके ठहराव के समय के तौर पर परिभाषित किया जाता है.

गोयल ने कहा, ‘‘विश्लेषण में पाया गया है कि छोटे मार्गों पर लंबे समय तक ठहरने वाली ट्रेनों का इस्तेमाल कर 100 से ज्यादा नई ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं.’’ केंद्रीय मंत्री ने हजरत निजामुद्दीन और आगरा के बीच चलने वाली उच्च गति वाली गतिमान एक्सप्रेस का उदाहरण दिया. इस ट्रेन को अब ग्वालियर तक चलाने का फैसला किया गया है. फिर इसका विस्तार झांसी तक किया जाएगा जिससे उसके ठहराव के समय में कटौती होगी.

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