रेल मंत्रालय का निर्देश,1 मार्च से ट्रेनों के डिब्बों पर नहीं लगेगा रिजर्वेशन चार्ट
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रेल मंत्रालय का निर्देश,1 मार्च से ट्रेनों के डिब्बों पर नहीं लगेगा रिजर्वेशन चार्ट

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुरआत में यह व्यवस्था पायलट आधार पर छह महीने के लिए लागू की जा रही है। रेल मंत्रालय ने अपने सभी जोनों को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: आगामी पहली मार्च से ए1, ए और बी श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर सभी ट्रेनों के कोच पर आरक्षण चार्ट नहीं लगाए जाएंगे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुरआत में यह व्यवस्था पायलट आधार पर छह महीने के लिए लागू की जा रही है. रेल मंत्रालय ने अपने सभी जोनों को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं.

  1. रेल मंत्रालय ने जोनल रेलवे को दिया निर्देश
  2. 1 मार्च से 6 महीनों के लिए नहीं लगेगा डिब्बों पर आरक्षण चार्ट
  3. कुछ ट्रेनों में प्रयोग के तौर पर पहले ही चार्ट लगाना बंद कर दिया गया था

प्लेटफॉर्मों पर लगाया जाएगा आरक्षण चार्ट

मंत्रालय ने हालांकि, कहा है कि प्लेटफार्मों पर आरक्षण चार्ट लगाया जाएगा. इसके अलावा डिजिटल रूप में भी इसे देखा जा सकेगा. यात्रियों से होने वाली आय के आधार पर रेलवे ने अपने स्टेशनों को सात श्रेणियों ए1, ए, बी, सी, डी, ई और एफ के रूप में वर्गीकृत किया है. रेलवे के कुल 17 जोन हैं.

रेलवे ने कहा है कि ऐसे स्टेशन जहां इलेक्ट्रानिक चार्ट डिस्प्ले प्लाज्मा लगा है और वह बेहतर तरीके से काम कर रहा है, तो वहां के प्लेटफार्मों पर चार्ट लगाना रोका जा सकता है. इससे पहले नई दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा और सियालदाह रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन कोचों में चार्ट लगाने की परंपरा बंद की गई है.

कागज का इस्तेमाल बंद करने की पहल को आगे बढ़ाना
इस कदम के पीछे उद्देश्य दक्षिण पश्चिम रेलवे, बेंगलुरु डिविजन की कागज का इस्तेमाल बंद करने की पहल को आगे बढ़ाना है. उसने नवंबर, 2016 में ही बेंगलुरु सिटी तथा यशवंतपुर स्टेशनों पर ट्रेनों के आरक्षित कोचों चार्ट लगाना बंद कर दिया था. इस कदम से उसे कागज पर खर्च होने वाली 60 लाख रुपये की राशि की बचत हुई. 

आधुनिक सिग्नल प्रणाली की योजना बना रहा है रेल मंत्रालय
इससे पहले 15 फरवरी को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि रेल मंत्रालय यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली की तर्ज पर आधुनिक सिग्नल प्रणाली की योजना बना रहा है. गोयल ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक सिग्नल प्रणाली से सुरक्षा जोखिमों को कम किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली लागू होने के बाद अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलेगी और देश में ट्रेन यात्रा अधिक सुरक्षित हो सकेगी.

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उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय रेल को सुरक्षित बनाने के लिए हम देश में समूचे रेल नेटवर्क के लिए आधुनिक सिग्नल प्रणाली की तैयारी कर रहे हैं. इसका आशय है कि 1.18 लाख किलोमीटर के रेल नेटवर्क को यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली की तर्ज पर किया जाएगा.’’

(इनपुट - एजेंसी)

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