हम शून्य दुर्घटना चाहते हैं इसके लिए 10000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं: रेल मंत्री
Advertisement

हम शून्य दुर्घटना चाहते हैं इसके लिए 10000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं: रेल मंत्री

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज राज्यसभा में कहा कि वैश्विक सूचकांक के अनुसार भारत में रेल दुर्घटनाओं में कमी आयी है लेकिन हम शून्य दुर्घटना की स्थिति चाहते हैं और इसके लिए 10,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं ताकि रेल पटरियों को बदला जा सके तथा नई तकनीक को अपनाया जा सके.

 हम शून्य दुर्घटना चाहते हैं इसके लिए 10000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं: रेल मंत्री

नई दिल्ली: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज राज्यसभा में कहा कि वैश्विक सूचकांक के अनुसार भारत में रेल दुर्घटनाओं में कमी आयी है लेकिन हम शून्य दुर्घटना की स्थिति चाहते हैं और इसके लिए 10,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं ताकि रेल पटरियों को बदला जा सके तथा नई तकनीक को अपनाया जा सके.

प्रभु रेल मंत्रालय के कामकाज तथा रेलवे से जुड़े विनियोग विधयेकों पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब दे रहे थे. उन्होंने आज सुबह हुए रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि रेलवे हादसों को रोकने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास शून्य दुर्घटना की स्थिति तक पहुंचने की है. उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए के इस कोष से रेलवे में नई तकनीक अपनायी जाएगी ताकि हादसों को टाला जा सके तथा पटरियों के टूटने का पता लग सके. उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में चौकीदार रहित सभी रेल फाटकों को समाप्त कर दिया जाएगा.

रेलवे के राजस्व में वृद्धि किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रभु ने कहा कि इसके लिए एक ओर गैर.किराया मद से आय जुटाने पर बल दिया जा रहा है वहीं खर्च में कमी करने का भी प्रयास है. उन्होंने कहा कि रेलवे का दूसरा बड़ा खर्च उर्जा क्षेत्र है और इस मद में 41,000 करोड़ रुपए की बचत करने की योजना है. उन्होंने कहा कि हम बिजली के लिए सौर उर्जा तथा पवन उर्जा पर जोर दे रहे हैं वहीं एलईडी बल्बों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. उनके जवाब के बाद उच्च सदन ने संबंधित विनियोग विधेयकों को ध्वनिमत से लौटा दिया.

रेल मंत्री प्रभु ने कहा कि लोगों को रेलवे से काफी उम्मीदें होती हैं और यह सरकार उन्हें पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है. लेकिन इसके लिए आधारभूत ढांचे का विकास करना होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा राजस्व से आधारभूत ढांचा तैयार नहीं हो सकता और इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. उन्होंने सुरक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि बिना नयी प्रौद्योगिकी का लागू किए हम हादसों को नहीं टाल सकते और रेलवे नई तकनीकों में निवेश करते हुए उनका कार्यान्वयन कर रहा है.

उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से रेलवे में निवेश कम होता गया वहीं सड़कों पर निवेश में वृद्धि होती गई. इससे माल ढुलाई में रेल और सड़क के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी. लेकिन मौजूदा सरकार ने इस दिशा में ध्यान दिया है. अपने करीब 90 मिनट के लंबे भाषण में प्रभु ने यात्रियों की सहूलियतों तथा निवेश में वृद्धि आदि के संबंध में उठाए गए कदमों का विस्तार से जिक्र किया. इसके साथ ही उन्होंने रेलवे की माल ढुलायी में कमी आने की बात स्वीकार की और कहा कि माल भाड़े को युक्तिसंगत बनाया गया है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि अभी 16 प्रतिशत रेल नेटवर्क पर करीब 60 प्रतिशत यातायात का भार है. उन पटरियों पर नयी ट्रेनें शुरू करना व्यावहारिक नहीं होगा क्योंकि उन पर पहले ही क्षमता से अधिक परिचालन हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार के लिए रेल दोहरीकरण या तीसरी लाइन बिछाने की दिशा में जोरशोर से काम किया जा रहा है. नई परियोजनाओं के बारे में पूछे गए सवालों के बीच उन्होंने कहा कि नयी परियोजनाएं शुरू करने के पहले मौजूदा लंबित परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है.

प्रभु ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्यों के साथ मिलकर साझा उपक्रम स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं. कई राज्यों ने इस संबंध में सक्रिय भूमिका भी निभायी है. उन्होंने कहा कि रेलवे की आमदनी के दो पारंपरिक तरीके मालभाड़ा और यात्री किराया हैं. लेकिन इनके सहारे विकास की नयी परियोजनाएं शुरू नहीं की जा सकतीं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रेलवे में निवेश बढ़ाने पर है ताकि इसका आधारभूत ढांचा मजबूत हो सके.

प्रभु ने कहा कि एक ओर हम गैर किराया मद से आमदनी पर जोर दे रहे हैं वहीं उर्जा सहित विभिन्न मदों में खर्च में कटौती पर भी ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिजली के मद में ही करोड़ों रूपए की बचत हो सकती है. इससे पहले रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस की छाया वर्मा ने कहा कि रेलवे में रिक्त पदों की भरमार है और राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी को नौकरी नहीं दी गई है। सरकार ने रेलवे में एप्रेंटिस उम्मीदवारों के साथ धोखा किया है. उन्होंने मांग की कि एप्रेंटिस उम्मीदवारों को 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था खत्म कर पहले की तरह नौकरी दी जानी चाहिए क्योंकि वे गरीब परिवारों से लेकिन प्रतिभाशाली उम्मीदवार होते हैं.

रेलवे में हुआ सबसे बड़ा टैक्नोलॉजी सुधार 
छाया ने कहा कि एप्रेंटिस उम्मीदवारों को बहुत कम तनख्वाह मिलती है और उन्हें अपंगता की स्थिति में भी नौकरी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन की बात कर रही है, लेकिन सामान्य ट्रेनों की हालत बहुत खराब है। पहले उनकी हालत सुधारी जानी चाहिए. बिना फाटक वाली क्रासिंग बंद की जानी चाहिए जिससे कि दुर्घटनाओं पर रोक लग सके. भाजपा के श्वेत मलिक ने बुलेट ट्रेन के विजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा रेल मंत्री सुरेश प्रभु को बधाई दी और कहा कि रेलवे में हुआ सबसे बड़ा सुधार प्रौद्योगिकी का है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय का यह फैसला सराहनीय है कि रेलवे की खाली पड़ी जमीन को आय का साधन बनाया जाएगा। रेलवे सुरक्षा के वास्ते पांच साल के लिए एक लाख करोड़ रपये दिए गए हैं। हर रेलवे स्टेशन पर सौर उर्जा प्रणाली लगाई जा रही है। यह सब सराहनीय है। रेल बजट का विलय आम बजट में किए जाने के लाभ आने वाले दिनों में दिखेंगे।

राकांपा की वंदना चव्हाण ने रेलवे में लाई गई विभिन्न परियोजनाओं के लिए रेल मंत्री को बधाई दी, लेकिन कहा कि नागर विमानन क्षेत्र रेलवे से आगे निकल रहा है। कई बार दोनों का किराया लगभग समान ही होता है. रेलवे के वातानुकूलित सफर का किराया नागर विमानन के किराए से अधिक पड़ता है. इसलिए इस ओर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह बताया जाना चाहिए कि रेल दुर्घटनाओं के रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लिए 3400 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. यह अब तक की सबसे बड़ी धनराशि है. इसके लिए रेल मंत्री को बधाई, लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके द्वारा दिए गए आश्वासनों की क्या स्थिति है.

आम बजट के साथ रेल बजट को जोड़ने से तेज होगा काम 
बीजद की सरोजनी हेमब्रम ने बजट में ओड़िशा की रेल परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन में भारी वृद्धि कर वर्ष 2017-18 के लिए 5,102 करोड़ रुपए किए जाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए तीर्थस्थल पुरी स्टेशन पर विश्व स्तरीय सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए उसे विश्वस्तरीय बनाने की मांग की. भाजपा के शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि आम बजट के साथ रेल बजट को जोड़ने से रेलवे की परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी और इसमें रेल के आवंटन को 22 प्रतिशत बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों को किराये भाड़े में वृद्धि किए जाने की उम्मीद थी जो नहीं किया गया. कांग्रेस के हुसैन दलवई ने कोंकण रेलवे में कराड से खेड़ के बीच स्टेशन का इंतजाम करने की मांग की और कहा कि इस क्षेत्र में शताब्दी और राज्यरानी ट्रेन में सिर्फ 15 कोच हैं जिसमें अधिक शक्ति वाले इंजन का प्रयोग कर डब्बों की संख्या 23 की जानी चाहिए. उन्होंने मुंबई में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाकर रेल ट्रैक की संख्या को बढ़ाने की भी मांग की.

रेल मंत्री का रूतबा प्रभावित हुआ
सपा के आलोक तिवारी ने कहा कि रेल बजट को आम बजट से जोड़ने से रेल मंत्री का रूतबा प्रभावित हुआ है और सरकार के मौजूदा रेल बजट में उत्तर प्रदेश की अनदेखी की गई है जिसमें रेलवे के विकास का कोई प्रारूप नजर नहीं आता. मालभाड़ा और यात्री परिवहन में गिरावट आने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की वैश्विक कीमत में कमी आने के बावजूद यात्रियों को इसका लाभ नहीं दिया गया. इसके अलावा टिकट को निरस्त कराने के शुल्क में भी भारी वृद्धि की गई है. तृणमूल कांग्रेंस के सदस्य और पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय ने रेल बजट को आम बजट से मिलाये जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि इस विलय से कैसे राजकोषीय संतुलन कायम होगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है उन्होंने कहा कि रेलवे अपने 13.8 लाख कर्मचारियों के पेंशन का भार खुद वहन करता है जो न सिर्फ एक व्यावसायिक संगठन बल्कि कल्याणकारी संगठन भी है. उन्होंने कहा कि रेलवे दुर्घटनाओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और सुरक्षा के संबंध में संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है.

रेलवे के निजीकरण की ओर बढ़ रही है सरकार
माकपा के केके रागेश ने कहा कि सरकार धीरे धीरे रेलवे के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है और आम लोग कम खर्च पर परिवहन कर सकें इस जिम्मेदारी का परित्याग कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विशेष उद्देश्यीय कोष (एसपीवी) के जरिये कुछ परियोजनाओं पर काम करने की सोच रही है जिसके लिए राज्यों पर भी जिम्मेदारी डालने का विचार है लेकिन राज्यों की स्थिति ऐसी नहीं है कि वे इसके लिए सक्रियता दिखा सकें. उन्होंने बजट में केरल के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में एक भी नई ट्रेन राज्य को नहीं दी गई है और पिछले बजट में भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी. द्रमुक के टी के एस ईलनगोवन, कांग्रेस के रिपुन वोरा, आनंद भास्कर रापोलू, प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, पी एस पूनिया, जयराम रमेश, भाजपा के प्रभाकर कोरे, महेन्द्र सिंह माहरा, चुन्नीभाई कांजीभाई गोहेल, लाल सिंह बरोडिया, रामकुमार वर्मा, वासवाराज पाटिल, महेश पोद्दार, सपा के विशंभर प्रसाद निषाद, सुखराम सिंह यादव और जद यू के हरिबंश ने भी अपने अपने क्षेत्र में रेल सुविधाओं के संबंध में मांगे रखीं.

 

Trending news