Rajasthan में कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटी कांग्रेस, कई बड़े चेहरों की छुट्टी तय!
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Rajasthan में कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटी कांग्रेस, कई बड़े चेहरों की छुट्टी तय!

Rajasthan Cabinet expansion: राजस्थान में कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले और ड्रॉप होने वाले नेताओं की सूची तैयार कर ली है. कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है. 

 

फाइल फोटो.

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों और जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के मसले पर विधायकों से संवाद करने के लिए प्रभारी अजय माकन 2 दिवसीय जयपुर दौरे पर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि राजस्थान को लेकर प्रभारी अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है. इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल का पूरा खाका तैयार है. बस विधायकों से संवाद के बाद तारीख का ऐलान हो जाएगा.

  1. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार जल्द
  2. सोनिया के विदेश जाने से पहले हो सकता है विस्तार
  3. प्रभारी अजय माकन 2 दिवसीय जयपुर दौरे पर

सोनिया के विदेश जाने पहले कैबिनेट विस्तार?

माकन और वेणुगोपाल की रिपोर्ट कार्ड में परफॉर्मेंस के आधार पर कई दिग्गज मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) 5 अगस्त को विदेश जा रही हैं ऐसे में उस दौरे से पहले पहले राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल (Rajasthan Cabinet Expansion) होना तय है. एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंत्रणा कर दिल्ली लौटे प्रभारी अजय माकन अब एक ही दिन बाद फिर से दो दिवसीय जयपुर दौरे पर आ रहे हैं.

माकन करेंगे वन टू वन संवाद 

अजय माकन 28 और 29 जुलाई को विधान सभा में राजस्थान के विधायकों से मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के मसले पर संवाद करेंगे. अजय माकन का विधान सभा में कांग्रेस के सभी विधायकों से लगातार दो दिन वन टू वन संवाद का कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए सीएम राजस्थान के विधायकों की संपूर्ण भावना अजय माकन तक पहुंचाना चाहते हैं.

राहुल की टीम ने भी किया सर्वे

राजस्थान को लेकर माकन और वेणुगोपाल ने अपना होमवर्क कर लिया है. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले और ड्रॉप होने वाले नेताओं की सूची तैयार है. एक दो नामों को छोड़ दिया जाए तो उसमें बड़ा बदलाव नहीं आएगा. कहा यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टीम ने भी राजस्थान को लेकर अलग से एक सर्वे किया है जिसमें मंत्रियों की परफॉर्मेंस को लेकर फीडबैक शामिल है.

 इनकी हो सकती है छुट्टी

1. गोविंद सिंह डोटासरा
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में परफॉर्मेंस और एक व्यक्ति एक पद के आधार पर कई दिग्गज नेताओं की छुट्टी हो सकती है. जिसके तहत अब विधायक केवल मंत्री और संसदीय सचिव ही बन सकेंगे. मंत्रिमंडल से जिन मंत्रियों के नाम हट सकते हैं उनमें शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नाम तय है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक वायरल वीडियो में खुद शिक्षा मंत्री पद छोड़ने की बात कह रहे हैं. वीडियो अजमेर में शिक्षा मंत्री के 12वीं क्लास के तीनों संख्याओं के परीक्षा परिणाम के कार्यक्रम के दौरान का है जहां कार्यक्रम के बाद शिक्षा मंत्री चर्चा में कह रहे हैं कि मुझसे जो विभागीय काम करवाना है जल्दी करवा लीजिए मैं चार-पांच दिनों का ही मेहमान हूं.

पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी रहेगी
 डोटासरा की पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी उनकी बरकरार रहेगी. पीसीसी अध्यक्ष के नाते संगठन के मुखिया के तौर पर उनका कद बहुत बड़ा है लेकिन शिक्षा राज्य मंत्री के तौर पर कैबिनेट में उनकी जगह नहीं है लिहाजा प्रोटोकॉल की पालना सही तौर पर नहीं हो रही है.

2. परसादी लाल मीणा 
लालसोट से वरिष्ठ विधायक और गहलोत सरकार में उद्योग मंत्री हैं 70 साल की उम्र होने के चलते कामकाज की परफॉर्मेंस पर असर पड़ रहा है. राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में नाकाम रहे हैं हालांकि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों पर लगी रोक भी एक बड़ी वजह रही है. अशोक गहलोत के विश्वस्त माने जाते हैं लेकिन मुरारी लाल मीणा अगर पायलट कैम्प से कैबिनेट मंत्री बनते हैं तो फिर परसादी लाल मीणा को ड्रॉप किया जा सकता है.

3. उदयलाल आंजना
 परफॉर्मेंस के आधार पर जिन मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है उनमें एक नाम सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का भी शामिल है. ये निंबाहेड़ा से विधायक हैं. पिछली बार कहा यह गया कि पायलट खेमे से इन्हें मंत्री बनाया गया था लेकिन सियासी बगावत के दौरान उदयलाल आंजना अशोक गहलोत कैंप के साथ खड़े रहे थे. 

4. हरीश चौधरी
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी विधान सभा चुनाव के समय मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष थे. राहुल गांधी के बेहद विश्वस्त माने जाते रहे हैं लेकिन हाल ही में पंजाब में कथित ऑडियो वायरल मामले से उत्पन्न विवाद के अलावा कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की वजह से भी सुर्खियों में रहे हैं. खुद को संगठन का आदमी मानते हैं और कहा जा रहा है कि अगर उन्हें मंत्रिमंडल से ड्रॉप किया जाता है तो संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.

5. सुखराम बिश्नोई और प्रमोद भाया जैन
विवादों की वजह से वन मंत्री सुखराम बिश्नोई और खान मंत्री प्रमोद भाया जैन का नाम भी मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल में ड्रॉप होने वाले नेताओं की चर्चाओं में शामिल है। दोनों ही नेता कद्दावर और अपने क्षेत्र में जनाधार हैं लेकिन पिछले दिनों अलग-अलग विवादों के चलते दोनों नेताओं की इमेज पर असर पड़ा है।

6. भजन लाल जाटव
भजनलाल जाटव वर्तमान राजस्थान सरकार में गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार), मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग (स्वतंत्र प्रभार), कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग राज्यमंत्री हैं। राजस्थान विधानसभा में वैर-भुसावर से विधायक हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर उनकी भी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है।

7. अर्जुन लाल बामणिया
 आदिवासी क्षेत्र वागड़ बांसवाड़ा विधायक जनजातीय विकास विभाग के राज्य मंत्री अर्जुन लाल बामणिया को भी मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है. कहा जा रहा है कि आदिवासी क्षेत्र में बीटीपी के बढ़ते प्रभाव को रोक पाने में नाकाम रहने की कीमत उनको चुकानी पड़ सकती है.

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जातिगत और सियासी समीकरण भी वजह
जातिगत और सियासी समीकरणों के चलते भी कुछ मंत्रियों को पद से हाथ धोना पड़ सकता है. कहा जा रहा है कि अगर पायलट कैंप से दीपेंद्र सिंह और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है तो फिर मंत्रिमंडल से उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और प्रताप सिंह खाचरियावास को रिप्लेस किया जा सकता है. चर्चा इस बात की भी है की कोरोना मैनेजमेंट में बेहतरीन काम करने के बावजूद चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का विभाग बदला जा सकता है. 

मिशन 2023 की तैयारी में कांग्रेस
कुल मिलाकर कहा जा सकता है की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी आलाकमान की भी मंशा है कि जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही है, जो विवादों में रहे हैं, जिनकी शिकायतें रही हैं और जो सियासी और जातिगत समीकरणों के लिहाज से उपयोगी नहीं है उन मंत्रियों की छुट्टी की जाए ताकि नई और ऊर्जावान टीम को मौका मिल सके. कांग्रेस इस बदलाव के जरिए राजस्थान में मिशन 2023 की तैयारी में लगना चाहती है. 

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