राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने मंगलवार को यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी कि राष्ट्रगान में ‘अधिनायक’ की जगह ‘मंगल’ शब्द होना चाहिए क्योंकि अधिनायक शब्द में ‘ब्रिटिश शासन’ का गुणगान किया गया है।
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जयपुर : राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने मंगलवार को यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी कि राष्ट्रगान में ‘अधिनायक’ की जगह ‘मंगल’ शब्द होना चाहिए क्योंकि अधिनायक शब्द में ‘ब्रिटिश शासन’ का गुणगान किया गया है।
कल्याण सिंह ने राजस्थान विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा,‘जन गण मन अधिनायक जय हो..‘अधिनायक’ किसके लिए? यह ब्रिटिश शासन का गुणगान है। राष्ट्रगान में संशोधन होना चाहिए। यह ‘जन गण मंगलदायक... भारत भाग्य विधाता’ किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा ‘मैं रविन्द्र नाथ टैगोर के प्रति पूरी श्रद्धा रखता हूं...जन गण मन अधिनायक की जगह जन गण मंगलदायक..भारत भाग्य विधाता होना चाहिए।’
टैगोर ने दिसंबर 1911 में जब राष्ट्रगान तैयार किया तो इस बात पर बहस छिड़ गई कि इसमें ब्रिटिश शासन की प्रशंसा होनी चाहिए या नहीं, हालांकि खुद टैगोर ने 1937 में पुलिन बिहारी सेन को भेजे एक पत्र में इस आरोप से इंकार किया।
सिंह ने इसी तरह की एक और मांग करते हुए कहा कि राज्यपाल के लिए ‘महामहिम’ की जगह माननीय शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि राज्यपाल कभी ‘महान’ नहीं होता जैसा कि ब्रिटिश शासन में उपयोग किया जाता था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कुछ ही दिन पहले महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की तुलना करते हुए कहा था कि राजपूत राजा हमारे लिए कहीं अधिक प्रेरणादायी हैं वह राष्ट्र के लिए ‘महान’ हैं।
आज भी इसी तरह की राय जाहिर करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा विभाग को महाराणा प्रताप के जीवन पर पाठ्यक्रम संचालित करने चाहिएं, जिसमें उनके संघर्ष पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाए।
उन्होंने कहा, ‘कल को कोई कहे कि विक्टोरिया ने शासन किया तो क्या विक्टोरिया हमारे लिये महान हो जाएंगी। हमारे लिये विक्टोरिया महान नहीं हैं। हमारे लिए महान है क्रांतिकारी झांसी की महारानी। ओैरंगजेब को हम महान मानेंगे ? हमारे लिये महान ओैरंगजेब नहीं हो सकता। हमारे लिये महान है छत्रपति शिवाजी महाराज।’