राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपने ट्विटर पेज पर एक फोन नंबर शेयर कर प्रदेश की जनता से सुझाव मांगे हैं
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जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार अपने घोषणा पत्र को लेकर बेहद सजग नजर आ रही है. जिसको लेकर कांग्रेस जनता के सुझावों को शामिल कर रही है. कांग्रेस की तरफ से सुझावों के लिए विशेष फोन नंबर और सोशल मीडिया का लिंक जारी किया गया है जिसमें अब तक 1 लाख से अधिक सुझाव कांग्रेस पार्टी को मिल चुके हैं.
इसी कड़ी में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपने ट्विटर पेज पर एक फोन नंबर शेयर कर प्रदेश की जनता से सुझाव मांगे हैं. ट्विट में सचिन पायलट ने कहा है कि 'आप राजस्थान में आने वाली कांग्रेस सरकार से क्या चाहते हैं? आप अपने सुझाव हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं या 9911448200 पर व्हाट्सएप्प कर सकते हैं. आपका हर एक सुझाव हमें बेहतर घोषणापत्र बनाने में मदद करेगा. इस बार 'कांग्रेस का घोषणापत्र' 'जनता का घोषणापत्र' होगा.'
आपको बता दें कि इस बार कांग्रेस अपने घोषणा पत्र को जन घोषणा पत्र नाम दिया है जिसमें मुख्यतः किसानों की आर्थिक समस्याओं को दूर करने युवाओं को रोज़गार देने महिला सुरक्षा का मुद्दा शामिल रहेगा. इसके अलावा जनता की ओर से दिए गए सुझावों को शामिल किया जाएगा. जिसके तहत राजस्थान कांग्रेस की तरफ से ऑनलाइन फीडबैक लेने का सिस्टम लॉन्च किया गया. कांग्रेस अपने घोषणा पत्र को 15 नवंबर के बाद जारी करेगी.
कांग्रेस इस बार घोषणापत्र तैयार करने के लिए जनता से ऑनलाइन सुझाव मांग रही है. गौरतलब है कि 2 नवंबर को जयपुर में कांग्रेस की तरफ से ऑनलाइन फीडबैक सिस्टम लॉन्च किया था. वहीं खबरं की मानें तो जनता के सुझावों के बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में कांग्रेस अपना घोषणापत्र जारी कर देगी.
वहीं इस बार कांग्रेस का घोषणा पत्र प्रदेश के घोषणापत्र के साथ-साथ जिला स्तर पर भी तैयार होगा. जिसमें जिलेवार प्राथमिकताओं को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्रम और मंच से कांग्रेस के बड़े नेताओं की तरफ से की गई घोषणाओं को भी घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा.
निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी में ऑनलाइन सुझाव सिस्टम शुरू करना परंपरागत तौर पर चलने वाली पार्टी के लिए नई कवायद है. इससे जनता की नब्ज़ को समझने में मदद मिलेगी. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये कि क्या केवल जनता से वोट हासिल करने के लिए ही यह कवायद की जा रही है या वाकई इस बार कांग्रेस अपने घोषणापत्र को तैयार करने और सत्ता में आती है तो उसे लागू करने को लेकर गंभीर भी होगी?