राजस्थान: कहीं वेतन तो कहीं पेंशन के मुद्दे पर सड़कों पर उतरे कर्मचारी, किया प्रदर्शन
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राजस्थान: कहीं वेतन तो कहीं पेंशन के मुद्दे पर सड़कों पर उतरे कर्मचारी, किया प्रदर्शन

विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में नई पेंशन स्कीम हटाकर पुरानी स्कीम को वापस लागू करने को लेकर शिक्षकों ने भी प्रदर्शन किया. 

राजस्थान: कहीं वेतन तो कहीं पेंशन के मुद्दे पर सड़कों पर उतरे कर्मचारी, किया प्रदर्शन

जयपुर: राजस्थान में बिजली कंपनियों के तकनीकि हेल्परों और कनिष्ठ अभियंता अपनी मांगो को लेकर सोमवार को सड़कों पर उतरे थे और उनका महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा था. यहां कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अर्द्धनंग्न प्रदर्शन किया. पंडाल में ऐलान किया गया कि जब तक ग्रेड-पे के साथ साथ 5 मांगो को लेकर आदेश नहीं मिलता तब तक पड़ाव जारी रहेगा. जलदाय के साथ साथ दूसरे विभागों के कर्मचारियों ने भी महापड़ाव का समर्थन किया. 

इस दौरान कर्मचारियों के पास वार्ता का कोई बुलावा नहीं आया लेकिन ऊर्जा विभाग के अफसर वित्त विभाग के साथ संपर्क में रहे ताकि ग्रेड पे के प्रस्ताव पर स्थिति साफ हो सके. बता दें, बिजली कर्मचारियों ने पालना रिपोर्ट की मांग की है. इसके अंतर्गत अवकाश पर रोक लगाने, आपूर्ति में खलल डालने या उकसाने की स्थिति में मामला दर्ज कराने का निर्देश सम्मिलित है. 

शिक्षकों ने भी पेंशन को लेकर किया प्रदर्शन
विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में नई पेंशन स्कीम हटाकर पुरानी स्कीम को वापस लागू करने को लेकर शिक्षकों ने भी प्रदर्शन किया. इस मांग को लेकर मंगलवार को हजारों शिक्षक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर इक्कट्ठा हुए और रैली निकाली और ज्ञापन भी सौंपे. शिक्षकों की ये रैली रामनिवास बाग से होते हुए रामलीला मैदान में पहुंची. इस पूरी रैली और मैदान में सभा के दौरान शिक्षकों ने केवल एक मांग रखी. उन्होंने नई पेंशन स्कीम को हटाकर वापस पुरानी स्कीम की मांग की. 

आपको बता दें, राज्य सरकार ने 2004 में नई पेंशन स्कीम लागू की थी. इसके तहत 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी जाएगी. जिस वजह से शिक्षकों की मांग है कि इस स्कीम को वापस लिया जाए और पुरानी स्कीम को लागू किया जाए. 

सातवें वेतन को लेकर रोडवेज कर्मचारियों की रही हड़ताल
सातवें वेतन और कई अन्य मांगो को लेकर राज्य में लगातार दो दिन रोडवेज बसों और जयपुर में लो फ्लोर बसों की हड़ताल जारी रही. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी उन्हें यात्रा करने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बस स्टेंड पर पहुंचे यात्रियों को जब हड़ताल की जानकारी मिली तो उनके लिए सफर करना काफी मुश्किल भरा रहै. जिसके चलते यात्री बेबस नजर आए. 

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