कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राजनीतिक दलों के नेताओं से की बातचीत
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कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राजनीतिक दलों के नेताओं से की बातचीत

कश्मीर में बीते कई दिनों से चली आ रही अशांति को खत्म करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के केंद्र सरकार के प्रयास के तहत गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक महीने के भीतर दूसरी बार आज घाटी पहुंचे और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की। इस दौरान उनसे आग्रह किया गया कि केंद्र को जम्मू-कश्मीर के सामने खड़ी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत शुरू करनी चाहिए।

कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राजनीतिक दलों के नेताओं से की बातचीत

श्रीनगर : कश्मीर में बीते कई दिनों से चली आ रही अशांति को खत्म करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के केंद्र सरकार के प्रयास के तहत गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक महीने के भीतर दूसरी बार आज घाटी पहुंचे और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की। इस दौरान उनसे आग्रह किया गया कि केंद्र को जम्मू-कश्मीर के सामने खड़ी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत शुरू करनी चाहिए।

श्रीनगर रवाना होने से पहले सिंह ने ‘कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत’ में यकीन रखने वाले सभी लोगों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वह कश्मीर में सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत करेंगे। उनका दौरा उस दिन हुआ जब पुलवामा जिले में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के साथ ताजा झड़पें हुई जिसमें एक युवक मारा गया। कश्मीर घाटी में बीते 8 जुलाई से चली आ रही अशांति में मरने वालों की संख्या 66 हो गई है।

कड़ी सुरक्षा के बीच सिंह दो दिन के दौरे पर श्रीनगर पहुंचे हैं। शहर की सड़कों पर अर्धसैनिकों बलों का कड़ा पहरा था जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई प्रदर्शनकारी गृह मंत्री के रास्ते में नहीं आए। नेहरू गेस्ट हाउस पहुंचने के तत्काल बाद सिंह ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और जरूरी वस्तुओं से संबधित प्रशासन के अलग-अलग विभागों के साथ बैठक की। उनके साथ गृह सचिव राजीव महर्षि और दूसरे अधिकारी भी घाटी पहुंचे हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभाल रहे अर्धसैनिक बलों के प्रमुख से कहा गया कि प्रदर्शनकारियों से निपटते समय अधिकतम संयम बरता जाए। उन्होंने घाटी में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने में अर्धसैनिक बलों के प्रयासों की तारीफ भी की। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री को जानकारी दी गयी कि जमीनी स्तर पर हालात में सुधार हुआ है, जरूरी वस्तुओं की कोई कमी नहीं है और स्वास्थ्य सेवाएं भी काम कर रही हैं।

हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में पिछले 47 दिनों से अशांति है। ऐसे हालात बनने के बाद सिंह दूसरी बार श्रीनगर पहुंचे हैं। कश्मीर रवाना होने से पहले सिंह ने कहा, ‘मैं नेहरू गेस्ट हाउस में रूकूंगा। जो कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत में यकीन रखते हैं, उनका स्वागत है।’ 

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सिविल सोसायटी समूहों, राजनीतिक दलों और अन्य पक्षों के साथ बातचीत करूंगा।’ समीक्षा बैठक करने के बाद राजनाथ सिंह ने अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और राज्य पुलिस के प्रमुख के साथ अलग अलग बैठकें की ताकि उनके कामकाज के हालात को समझा जा सके और यह पता किया जा सके कि उनको अभियान संबंधी कोई जरूरत तो नहीं है।

बाद में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिंह से मुलाकात की और उनसे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया। सूत्रों ने कहा, ‘उन्होंने यह भी मांग की है कि केंद्र को जम्मू-कश्मीर के सामने खड़ी समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए।’ नेशनल कांफ्रेंस ने उम्मीद जताई कि गृह मंत्री के दौरे से सभी संबंधित पक्षों के साथ सार्थक बातचीत हो सकेगी।

भाजपा के महासचिव राम माधव ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि गृह मंत्री उन सभी लोगों से मिलेंगे जो उनसे मिलना और जम्मू-कश्मीर में हालात के बारे में बातचीत करना चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अपने घाटी प्रवास के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक करेंगे। कश्मीर घाटी में समस्या पैदा होने के बाद उनकी घाटी की यह दूसरी यात्रा है।

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