राज्यसभा में सोमवार से देर शाम तक होगा कामकाज
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राज्यसभा में सोमवार से देर शाम तक होगा कामकाज

राज्यसभा बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम सप्ताह में लंबित विधायी कार्यों और अन्य कामकाज को निपटाने के लिए शाम में देर तक बैठेगी।

राज्यसभा में सोमवार से देर शाम तक होगा कामकाज

नई दिल्ली : राज्यसभा बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम सप्ताह में लंबित विधायी कार्यों और अन्य कामकाज को निपटाने के लिए शाम में देर तक बैठेगी।

राज्यसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने बृहस्पतिवार को हुई अपनी बैठक में यह तय किया कि मौजूदा बजट सत्र के चौथे सप्ताह के दौरान सदन सोमवार से सरकारी विधायी कार्य और अन्य कामकाज निपटाने के लिए शाम सात बजे से आगे तक बैठेगी।

सरकार राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद छह में से तीन अध्यादेशों का स्थान लेने वाले विधेयकों को राज्यसभा में पारित करा चुकी है, जबकि दो विधेयकों खनिज एवं खदान और कोयला विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा ने अब तक नागरिकता कानून, मोटर वाहन कानून और बीमा कानून में संशोधन से जुड़े तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी है। लोकसभा ने अध्यादेशों का स्थान लेने वाले सभी छह विधेयकों को पारित कर दिया है।

भूमि अधिग्रहण से संबंधित विधेयक के राज्यसभा में पारित होने की संभावना कम है क्योंकि एकजुट विपक्ष इसे रोकने के लिए डटा हुआ है। 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ आठ विपक्षी दलों के सासंदों ने अगले मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की योजना बनायी है।

उच्च सदन को रेलवे की वर्ष 2015-16 के लिए लेखानुदान की मांग और वर्ष 2014-15 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों तथा इससे जुड़े विनियोग विधेयकों पर विचार करना है और उसे लौटाना है। रेल बजट पर चर्चा लगभग पूरी हो गयी है लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु का अभी इस पर जवाब देना बाकी है।

2015-16 के लिए आम बजट और इससे संबंधित विनियोग विधेयक को अगले सप्ताह लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद राज्यसभा को इस पर सामान्य चर्चा करनी है और उसे लौटाना है। राज्यसभा की प्रवर समिति को खान एवं खनिज संशोधन विधेयक 2015 और कोयला खदान विशेष प्रावधान विधेयक 2015 पर अपनी रिपोर्ट 18 मार्च तक देनी है। बजट सत्र का पहला चरण 20 मार्च तक है इसके बाद एक महीने का अवकाश है।

इसलिए सदन बुधवार के बाद इन विधेयकों को विचार एवं पारित कराने के लिए लेगा। सरकार के सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति ने अगले सप्ताह खनिज विधेयक पर और चर्चा के लिए एक घंटा तथा कोयला विधेयक पर दो घंटे का समय आवंटित किया है जबकि सामान्य बजट पर चर्चा के लिए दस घंटे का समय निर्धारित किया है।

इसके अलावा सरकार की अगले सप्ताह सदन में कंपनी संशोधन विधेयक, 2015 और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक संशोधन विधेयक 2014 को भी विचार कर उसे पारित कराने की योजना है।  

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