'धर्म संसद' में मोहन भागवत ने कहा, अयोध्या की राम जन्मभूमि पर ही बनेगा राम मंदिर
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'धर्म संसद' में मोहन भागवत ने कहा, अयोध्या की राम जन्मभूमि पर ही बनेगा राम मंदिर

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत ने कहा कि है राम मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही बनेगा.

कर्नाटक के एक कार्यक्रम में बोलते राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत. (ANI/24 Nov, 2017)

उदुपी(कर्नाटक): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के प्रमुख मोहन भागवत ने आज यह कहते हुए अयोध्या में विवादित स्थल पर राममंदिर के निर्माण की जोरदार पैरवी की कि वहां केवल मंदिर ही बनेगा, कुछ और नहीं. इस छोटी से पावन नगरी में देशभर के करीब दो हजार संतों, मठों के अध्यक्षों और विहिप नेताओं के महासमागम ‘धर्मसंसद’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अयोध्या में राममंदिर ही बनेगा. भागवत ने कहा, ‘हम उसका निर्माण करेंगे. यह कोई लोकप्रिय घोषणा नहीं बल्कि हमारी आस्था का मामला है. यह नहीं बदलेगा.’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कई सालों की कोशिश और बलिदान के बाद अब यह (राममंदिर का निर्माण) संभव जान पड़ता है. हालांकि वह उल्लेख करना नहीं भूले कि मामला अदालत में है. उन्होंने कहा, ‘राममंदिर ही बनाया जाएगा, कुछ और नहीं. यह वहीं ही बनेगा (जिसे भगवान राम का जन्मस्थल माना जाता है.)’ उन्होंने कहा कि मंदिर उसी भव्यता के साथ बनेगा जैसा पहले था, उसमें उन लोगों के मार्गदर्शन में ‘उन्हीं पत्थरों’ का इस्तेमाल किया जाएगा जो पिछले 25 सालों से रामन्जभूमि आंदोलन के अगुवा रहे हैं.

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भागवत ने कहा कि लेकिन उससे पहले जनजागरुकता अनिवार्य है. उन्होंने कहा, ‘हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं लेकिन इस मोड़ पर पर हमें अधिक चौकस रहने की जरुरत है.’ राममंदिर का निर्माण, धर्मांतरण पर रोक, गौरक्षा आदि विहिप की तीन दिवसीय संसद में ‘चर्चा’ के अहम मुद्दे हैं. आयोजकों ने कहा कि इस बैठक में जाति एवं लिंग के आधार पर भेदभाव के मुद्दों पर भी चर्चा होगी और उन तौर तरीकों पर गौर किया जाएगा जिससे हिंदू समाज में सौहार्द्र कायम रहे. 

इससे पहले मुंबई के कुछ मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या मामले को हल करने को लेकर उच्चतम न्यायालय में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड की ओर दायर हलफनामे का बीते 23 नवंबर को विरोध किया और कहा कि यह शिया और समुदायों में ‘दरार’ डालने की कोशिश है. शिया वक्फ बोर्ड ने सोमवार (20 नवंबर) को जो मसौदा पेश किया उसमें अयोध्या के विवादित स्थल से दावा छोड़ने और लखनऊ में ‘मस्जिद-ए-अमन’ के निर्माण की बात की गई है.

‘शिया सुन्नी इत्तेहाद फोरम’ (एसएसआईएफ) और अवामी विकास पार्टी (एवीपी) ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शिया बोर्ड के प्रस्ताव और हलफनामे का विरोध किया. एवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमशेर खान पठान ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के कदम से शिया और सुन्नी समुदायों के बीच अनाश्यक दरार पैदा हो गई है.   

(इनपुट एजेंसी से भी) 

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