मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान अपने चरम पर पहुंच गई, जब जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है.
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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान बुधवार को अपने चरम पर पहुंच गई. जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद अब राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है. इससे पहले हुई आरजेडी की बैठक के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर कहा था कि तेजस्वी यादव इस्तीफ़ा नहीं देंगे. ऐसे में नीतीश ने तेजस्वी से तो इस्तीफा नहीं मांगा, लेकिन खुद ही इस्तीफा सौंपकर सबको चौंका दिया. हालांकि उन्होंने तेजस्वी को पर्याप्त मौके दिए, लेकिन बात नहीं बनी. आइए जानते हैं कि नीतीश ने इस्तीफे के बााद क्या-क्या कहा...
नीतीश ने इस्तीफे के तुरंत बाद जो कहा, पढ़ें हू-ब-हू...
नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा देने के बाद कहा कि महागठबंधन की सरकार को 20 महीने से ज्यादा चलाया. हमने गठबंधन धर्म का पालन किया. बिहार में सामाजिक परिवर्तन को लागू किया गया. जो भी विकास का काम था उसे जारी रखा. अब मौजूदा माहौल में मेरे लिए काम करना संभव नहीं हो सकता.
हमने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा, हमने लालू जी से बात की लेकिन हल नहीं निकला. नीतीश ने यह भी कहा, 'आमजन में अवधारणा को एक्सप्लेन करना जरूरी था. अब ऐसी परिस्थिति हो गई कि काम करना भी मुश्किल हो गया था.'
हमने अपनी तरफ से पूरी तरह से महागठबंधन धर्म को निभाने की कोशिश की. हमने कांग्रेस से भी बात की राहुल जी से भी बात की.
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नीतीश ने आगे कहा, 'हमारी लालू जी और आरजेडी से संवादहीनता नहीं थी.' उन्होंने कहा कि ये कोई संकट नहीं है. ये बनाया गया संकट है, ऐसी स्थिति में मेरे सामने कोई रास्ता नहीं था. नोटबंदी का मैंने समर्थन किया तो मेरे ऊपर न जाने कितने आरोप लगा दिए गए.
नीतीश ने आगे कहा, 'मैंने बार-बार कहा है कि कफन में कोई जेब नहीं होती है जो भी है वह यहीं रहेगा. हम विपक्षी एकता के पक्षधर रहे हैं लेकिन क्या हम अपनी सोच को प्रकट नहीं कर सकते.'
नीतीश बोले कि राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद के समर्थन पर मेरे ऊपर कई आरोप लगाए गए, हमारी सोच का दायरा अलग है लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.
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नीतीश ने कहा, 'मैंने अपनी सोच के ऊपर स्टैंड लेते हुए अपनी अंतर्रात्मा की अवाज़ पर इस्तीफा दे दिया. हमने सोच लिया जो हमारे लिए उपयुक्त जगह नहीं, ऐसी जगह से खुद ही हट जाएं'.
नीतीश ने कहा कि नोटबंदी के बाद हमने बेनामी संपत्ति का भी समर्थन किया. बिहार के विकास के लिए मेरा कमिटमेंट है उसे पूरा करना है, मैं किसी को ब्लेम नहीं कर रहा हूं.
बिहार में बीजेपी के समर्थन के सवाल पर नीतीश ने गोलमोल जबाब दिया कहा जो बिहार के हित में होगा उसपर फैसला लेंगे.
इससे पहले बुधवार दोपहर को लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस्तीफ़ा मांगा ही नहीं है. लालू यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि बीजेपी नीतीश पर डोरे डाल रही है, बीजेपी की लार नीतीश पर टपक रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश से मेरी बात होती रहती है, वही महागठबंधन के नेता हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा कि जनता ने महागठबंधन को चुना है, इस्तीफ़ा जब मांगा ही नहीं गया तो देने का सवाल ही नहीं है.